बोकारो : बोकारो के सदर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था राम भरोसे चल रही है. अस्पताल का हाल ऐसा है कि मरीजों को ना तो एंबुलेंस समय पर मिल पाती है और ना ही व्हीलचेयर व स्ट्रेचर की व्यवस्था है. रविवार को एक गर्भवती महिला अपने इलाज के लिए आती है. अस्पताल प्रशासन महिला के लिए व्हीलचेयर की व्यवस्था तक नहीं कर पाया. अस्पताल में आने वाले परिजों को बुनियादी सुविधा ठीक से नहीं मिल पा रही है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्या है पूरा मामला
बता दें कि गर्भवती महिला को अस्पताल के द्वारा असमर्थता जताते हुए बाहर भेजने की बात कहीं. कुछ देर महिला सदर अस्पताल के पास सीढ़ी में ही बैठी रही. गर्भवती  होने के चलते महिला चल नहीं पा रही थी, लेकिन अस्पताल की तरफ से ना तो सदर अस्पताल के तरफ से एंबुलेंस की व्यवस्था की गई और ना ही व्हीलचेयर और स्ट्रेचर की कोई व्यवस्था की गई. परिजनों द्वारा उसे गंभीर अवस्था में पैदल चलाते हुए सदर अस्पताल के बाहर टेम्पो के पास लाया गया. महिला को लेबर पेन का दर्द बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी.


सीढ़ी पर छटपटाती रही महिला
दरअसल परिजनों की माने तो अस्पताल के द्वारा असमर्थता जताते हुई बताया गया कि अस्पताल में ऑपरेशन का डॉक्टर नहीं है. इसीलिए यहां उनका इलाज नहीं हो सकता है. बच्चे की नार्मल डिलेवरी नहीं हो सकती है. जिसके बाद महिला चलकर अपने परिजन के साथ आई और सदर अस्पताल के गेट के पास सीढ़ी में छटपटाने लगी. जिसके बाद परिजन पैदल ही महिला को सदर अस्पताल के गेट के बाहर खड़ी टेम्पु गाड़ी में चढ़ाकर प्राइवेट अस्पताल ले गया.


परिजनों ने कहा कि पहले चास के सरकारी अनुमंडल अस्पताल में गर्भवती महिला का भर्ती कराया गया था. जहां से बोकारो सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया, लेकिन यहां डॉक्टरों के द्वारा बताया गया कि ऑपरेशन का डॉक्टर यहां नहीं है जिसके चलते उसे दूसरे जगह ले जाने की सलाह दी. वहीं आज रविवार होने के चलते डॉक्टर छुट्टी पर है.


इनपुट- मृत्युंजय मिश्रा


ये भी पढ़िए-  जल्द पटना लौटेंगे लालू यादव, 10 फरवरी तक सिंगापुर से हो सकती है उनकी स्वदेश वापसी!