पाकुड़ः झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री व भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने पाकुड़ जिले वासियों को रेल सेवाओं में आ रही असुवधिओं को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा है. बाबूलाल मरांडी ने पाकुड़ में रेल यात्रियों को हो रही परेशानियों से रेल मंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और आपके कुशल प्रबन्धन में भारतीय रेल मंत्रालय देश की प्रगति और विकास में एक बड़ी भूमिका निभाने में सफल रहा है.


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उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी की सरकार देश के विकास में क्षेत्रीय विषमता को समाप्त करने के लिए कृतसंकल्प है. इसी निमित्त मैं आपका ध्यान झारखंड प्रदेश के पिछड़े आदिवासी बहुल पाकुड़ जिले की ओर दिलाना चाहता हूं. पाकुड़ राजस्व संग्रहण में रेलवे को उल्लेखनीय योगदान देता रहा है. पाकुड़ से पत्थर व कोयला के ढुलाई में वित वर्ष 2021-22 में लगभग 2300 करोड़ रुपए रेलवे को आमदनी हुई है. जबकि आप इस विचार से सहमत होंगे कि राजस्व संग्रहण में बड़े योगदान के बावजूद इस क्षेत्र में रेल सुविधाओं का अनुपातिक विकास नहीं हो पाया है.


भौगोलिक दृष्टि से पाकुड़ झारखंड-पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित है. रोजगार की तलाश में और अन्य कारणों से लोग पश्चिम बंगाल की ओर आते-जाते रहते हैं. वैकल्पिक व्यवस्था के अभाव में सड़क मार्ग ही एकमात्र यातायात का साधन है जो कि सर्वसुलभ और सस्ता कतई नहीं है. इसी जनकांक्षाओं के अनुरुप निम्नलिखित ट्रेनों के परिचालन में पाकुड़ स्टेशन में ठहराव की व्यवस्था से रेल उपभोक्ताओं की एक बड़ी आबादी को परिष्कृत रेल सुविधा मिलेगी -
1. गुवाहाटी-बंगलुरु एक्सप्रेस ट्रेन (12509/10) का पाकुड़ में ठहराव.
2. कन्याकुमारी-विवेक एक्सप्रेस (22503/22504) का पाकुड़ में ठहराव.
3. गुवाहाटी-हावड़ा-सराईहाट एक्सप्रेस (12345/12346) का पाकुड़ में ठहराव.
4. शताब्दी एक्सप्रेस (12041/12042) का पाकुड़ में ठहराव.
5. मालदा-वर्धमान पैसेंजर ट्रेन का पुनः परिचालन.
6. पाकुड़ से दिल्ली जाने के लिए सीधी रेल सेवा. 


बाबूलाल मरांडी ने रेल मंत्री से आग्रह किया है कि उपरोक्त विषय पर गंभीरतापूर्वक विचार कर एक उपेक्षित क्षेत्र की जनता को अपेक्षाओं के अनुरुप सुदृढ़ रेल सुविधा मिले इस निमित उचित कदम उठाएंगे.


इनपुट-सोहन प्रमाणिक


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