नवजात बेटी का शव लेकर घर जा रहा था पुलिस का जवान, फाइनेंसर के गुर्गों ने की मारपीट
सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि कोई भी फाइनेंस करने वाली कम्पनी मसल्स मैन रखकर वसूली नहीं कर सकती है इसके लिए डिफॉल्टर ग्राहक की शिकायत स्थानीय थाने में करनी है या पुलिस बल मिलने के बाद ही बैंक पदाधिकारी करवाई कर सकते हैं.
धनबादः धनबाद जिले में गोविंदपुर के रतनपुर में शनिवार की रात मानवीय संवेदनाओं को तार तार करने का मामला प्रकाश में आया है. घटना में फाइनेंस कंपनी के गुर्गों ने जीटी रोड पर रात करीब आठ बजे उत्पात मचाते हुए बच्चे का शव लेकर कृष्णाकनाली निरसा जा रही कार को रोक लिया. आरोप है कि उन्होंने इसमें सवार धनबाद जिला बल में तैनात सिपाही समेत परिवार की महिलाओं व पुरुषों को पिटाई कर उससे गाड़ी छीनने लगे. इस बीच सिपाही की तरफ से बार-बार यह बताने की कोशिश की गई कि उसकी गाड़ी फाइनेंस की नहीं है बावजूद इन गुर्गो का तांडव जारी रहा. बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने एक फाइनेंसर के गुर्गे को हिरासत मे लिया लेकिन उसी रात उसे थाने से ही छोड़ दिया गया. जबकि पीड़ित जवान ने लिखित शिकायत गोविंदपुर थाने में कर दी थी.
नवजात बच्चे का शव लेकर लौट रहा था परिवार
जिस वक्त गुर्गो के द्वारा मारपीट की घटना को अंजाम दिया जा रहा था ,हंगामा होने के बाद दोडकर स्थानीय लोग पहुंचें और गुर्गो से उन्हे बचाया. वही सूचना पर गोविंदपुर थाने की पुलिस पहुंची व फाइनेंस कर्मी के एक गुर्गे डबलू मल्लिक को पकड़कर थाने ले गई. घटना के बारे में जानकारी देते हुए धनबाद जिला पुलिस बल में आरक्षी सुखन मंडल ने बताया कि उन्होने अपना परिचय पत्र भी दिखाया, मगर बदमाशों ने नहीं बख्शा. उनका पर्स भी पीटकर छीन लिया. इसमें आवश्यक कागज व कुछ रुपये थे. 35 दिन पूर्व गोविंदपुर के हीलमेक्स अस्पताल में भाभी को बच्चा हुआ था. वह कमजोर था इसलिए इलाज को रांची में भर्ती कराया था. वहां उसकी मौत हो गई थी. शव लेकर लौट रहे थे.
बीच रास्ते में रोककर की मारपीट
इसी बीच फाइनेंस कंपनी के गुर्गों ने बीच रास्ते में कार रोककर मारपीट की. घटना की लिखित शिकायत गोविंदपुर थाने में कर दी गई है. हालांकि इस मामले में जिसपर आरोप लगाया गया है उनका कहना है कि रतनपुर के पास भीड़ देखकर जब हम वहां पहुंचे दिखा कि किसी बात को लेकर लोग आपस में झगड़ रहे हैं उससे पहले हमने गोविंदपुर थाना पेट्रोलिंग पार्टी को सूचना दी पता चला कि स्कॉर्पियो से आने क्रम में किसी बाइक से उनकी टक्कर हुई थी जिसके बाद हंगामा हुआ और थी और फिर उल्टा हम पर ही एफ आई आर दर्ज कराया की गाड़ी से उतारकर जबरन मेरे साथ दुर्व्यवहार किया मैं अक्सर लोगों को मदद करता हूं ना ही मैं किसी फाइनेंस कंपनी चलाता हूं.
पूरे मामले में जब डीएसपी अमर पांडेय ने बताया कि फाइनेंसर के गुर्गो के द्वारा जिन लोगों के द्वारा अवैध तरीके से मारपीट की गई है उन्हें किसी भी हाल में नहीं छोड़ा जाएगा और उसे जेल भेजा जाएगा पूरे मामले में एफ आई आर दर्ज कर ली गई है बहुत जल्द आरोपी सलाखों के पीछे होगा .
ये है सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि कोई भी फाइनेंस करने वाली कम्पनी मसल्स मैन रखकर वसूली नहीं कर सकती है इसके लिए डिफॉल्टर ग्राहक की शिकायत स्थानीय थाने में करनी है या पुलिस बल मिलने के बाद ही बैंक पदाधिकारी करवाई कर सकते हैं. किसी भी हालत में किस्त या अन्य कार्य के लिए ग्राहक के साथ किसी प्रकार की कोई बदतमीजी नही करनी है वावजूद फाइनेंस कम्पनी द्वारा बीच रास्ते में वाहन रोककर परिवार के साथ बदतमीजी और मारपीट करना आम बात है.