मार्च महीने में ही सूखे पानी के स्रोत, डेढ़ किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर ग्रामीण
Jharkhand News: मार्च का महीना अभी शुरू ही हुआ है कि झारखंड में पीने के पानी की किल्लत होने लगी है. गोड्डा जिले के सीमावर्ती ग्रामीण इलाकों में लोग पीने के लिए डेढ़ किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर हैं. लोगों के लिए एकमात्र हैंडपंप ही पानी का सहारा है.
गोड्डा: Jharkhand News: मार्च का महीना अभी शुरू ही हुआ है कि झारखंड में पीने के पानी की किल्लत होने लगी है. गोड्डा जिले के सीमावर्ती ग्रामीण इलाकों में लोग पीने के लिए डेढ़ किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर हैं. लोगों के लिए एकमात्र हैंडपंप ही पानी का सहारा है. ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को तरस रहे है. मामला जिले के ठाकुरगंगटी प्रखंड का है.
मार्च महीने में ही सूखे पानी के स्रोत
मार्च की शुरुआत में ही हालात ऐसे हैं कि छोटे-छोटे पानी के स्रोत भी सूख चुके हैं. पानी के लिए लोगों में त्राहिमाम मचा हुआ है. गोड्डा के ठाकुरगंगटी प्रखंड के मोपहाड़ी के ग्रामीणों के लिए प्यास बुझाना दूर की कौड़ी साबित होने लगा है. 30 परिवार के सैकड़ों लोगों के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर दूरी पर एक स्कूल का चापानल ही एकमात्र आसरा है. ऐसे में अगर वो भी खराब हो जाता है तो फिर उनके सामने पानी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी.
डेढ़ किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर ग्रामीण
ठाकुरगंगटी प्रखंड के अंतर्गत मानिकपुर व तेतरिया दो पंचायतों के सीमा पर रहने वाले लगभग 30 परिवार बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं .मोपहाडी़ के तलहटी में रहने वाले बैजू खुटहरी एवं मोपहाडी का ग्रामीणों के लिए एक भी सरकारी चापाकल या कोई भी जल मीनार की सुविधा नहीं है। इस संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि पेयजल और बिजली समस्या को लेकर जनप्रतिनिधि के साथ-साथ कई अधिकारी को बता चुके हैं लेकिन सिर्फ उन लोगों के द्वारा आश्वासन मिलता है. समस्या को दूर करने के लिए कोई भी ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया है.
कहने को तो ठाकुरगंगटी प्रखंड में ही करोड़ों की सरकारी योजनाएं पेयजल संबंधी चल रही है लेकिन अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. पिछले 7 माह से बारिश नहीं हुई है और अगले चार-पांच महीने भी पानी पड़ने के कोई आसार नहीं है.
इनपुट - संतोष