मोतिहारी: मोतिहारी के केसरिया थाना क्षेत्र में एक गांव है जिसे लोग अब सोने की लंका कहने लगे हैं. आज इस सोने की लंका का तार देश में चल रहे काका ग्रुप से भी जुड़ गया है. टेलीग्राम पर काका ग्रुप बनाकर करोड़ो रूपये का अवैध लेनदेन किया जाता है. इस ग्रुप से जुड़े लोगों को काका ग्रुप के माध्यम से निर्देश और टारगेट दिया जाता है. इस काका ग्रुप में मोतिहारी सहित अन्य इलाके के बदमाश जुड़े हुए है. पुलिस सूत्रों ने बताया है कि काका ग्रुप के माध्यम से गैंग में लोगो को जोड़ा और करोड़ो रूपये के काले कारोबार का संचालन किया जाता है. इस गोरखधंधा में बैंक के कर्मी के शामिल होने की भी चर्चा है.


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दरअसल काका गैंग के निर्देश पर फर्जी कागजातों पर बैंक में करंट खाता खुलवाया जाता है. प्रत्येक करंट खाता को पंद्रह से बीस दिनों तक ऑपरेट करने के बाद बंद कर दिया जाता है. कई बार अकाउंट होल्डर खुद तो कई बार बैंक बंद कर देता है. पंद्रह से बीस दिनों के अंदर प्रत्येक करेंट एकाउंट में प्रतिदिन पचास लाख से दो करोड़ तक का ट्रांजेक्शन होता है. बैंक में करंट अकाउंट खुलने के बाद प्रत्येक करंट अकाउंट को गैंग में शामिल दूसरा फ्रॉड एक लाख रुपया देकर खरीद लेता है. फिर उसमें हवाला से लेकर साइबर फ्रॉड का पैसा आने लगता है. अब इस पैसा को ग्रामीण स्तर पर कई लोगों के सेविंग खाता में भेजा जाता है.


इस दौरान ग्रामीणों को पता भी नहीं होता है कि उनके खाते में कहां से पैसा आ रहा है वो दो से तीन प्रतिशत कमीशन लेकर पैसा अकाउंट से निकलकर दे देते है. ज्यादातर मामलों में ग्रामीण का एटीएम और चेक बुक गैंग के पास ही रहता है. तुरकौलिया थाना क्षेत्र के एक साइबर फ्रॉड ने बताया है कि ग्रामीण को दो प्रतिशत कमीशन और अपना दस प्रतिशत कमीशन काटने के बाद करंट अकाउंट ऑपरेट करने वाला प्रत्येक दिन रात को एक अन्य व्यक्ति के हवाले बाकी का पैसा देता है. फिर वो पैसा मुख्य सरगना तक पहुंचता है.


इसका खुलासा तब हुआ जब मोतिहारीं के तीन युवक मुजफरपुर के बैंक ऑफ बड़ौदा में करेन्ट अकॉउंट खुलवाने गया. मोतिहारी के मुफस्सिल,संग्रामपुर और तुरकौलिया थाना क्षेत्र के तीन युवक करंट खाता बैंक में खुलवाने के बाद एक लाख रुपया में गैंग को बेचने के उद्देश्य से बैंक में पहुंचे थे. 12वीं के तीन छात्र कंपनी के नाम पर करेन्ट अकाउंट खुलवाने मुजफ्फरपुर के बैंक ऑफ बड़ौदा में पहुंचे थे. अकॉउंट खुलवाने के दौरान तीनो युवकों ने बैंक मैनेजर को बताया कि ऐसा अकॉउंट खोलिए जिसमे रोज दो करोड़ रुपया का ट्रांजेक्शन हो सके.


अकॉउंट खुलवाने वाले कंपनी के मालिक बनकर पहुंचे युवकों की उम्र ,हुलिया और दो करोड़ हर दिन ट्रांजेक्शन की बात सुनकर बैंक के मैनेजर को शक हुआ और उसने इसकी सूचना पुलिस को दिया. मुजफ्फरपुर की साइबर डीएसपी ने जब जांच शुरू किया तो तार मोतिहारी के केसरिया थाना क्षेत्र के दरमाहा गांव से जुड़ गया. दरमाहा गांव से चाचा भतीजा को गिरफ्तार किया गया. चाचा के बारे में बताया जाता है पहले यूट्यूब पर रील बनाते थे पर डेढ़ दो वर्षों में करोड़ो के मालिक हो गए है. मुजफ्फरपुर से दिल्ली तक अब इनकी संपत्ति होने की चर्चा ग्रामीण कर रहे है. पैसा अकूत हो गया तो आए दिन दरवाजे पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन भी होते रहने की बात ग्रामीण बता रहे हैं.


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डीएसपी अभिषेक ने बताया कि दरमाहा के छोटन सिंह के विषय में उन्हें जानकारी दी गई थी पर ठोस सबूत नहीं उपलब्ध करवाने के कारण और समय अभाव में जांच नहीं हो सकी. मोतिहारी के नए एसपी स्वर्ण प्रभात ने मामले में संज्ञान लेते हुए कहा है कि सोने की लंका को नेस्तनाबूद किया जाएगा. केसरिया थाना क्षेत्र में चल रहे साइबर फ्रॉड के मामले पर पुलिस सख्त एक्शन लेगी. पुलिस ने दरमाहा गांव के छोटन सिंह के घर और अगल बगल के इलाके की तलाशी लिया. छोटन सिंह के घर से कंप्यूटर और 8 लाख रुपया,सोना जरा हुआ हाथ की घड़ी, 12 एटीएम कार्ड,5 फर्जी कंपनी की मोहर सहित लैपटॉप और मोबाइल मुजफ्फरपुर पुलिस ने बरामद किया है.


इनपुट-पंकज कुमार


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