पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा, जिनका विभाग समय सीमा से पहले रिजल्ट निकाल कर अपनी पीठ थपथपा रहा लेकिन वो खुद ये नहीं बता पा रहे हैं कि स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति कब तक होगी और उसके लिए समय सीमा क्या तय की गई है.


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इतना ही नहीं कृष्णनंदन वर्मा ये भी नहीं बता पाए कि एक स्कूल की बिल्डिंग कब तक बन पाएगी. हर सवाल का जवाब में मंत्री जी यही कहते नजर आए, जल्दी ही काम पूरा कर लिया जाएगा. मंगलवार को विधानसभा में शिक्षा विभाग से जुड़े सबसे ज्यादा सवाल थे.


सदन में 126 सवाल जवाब के लिए रखे गए थे जिनमें 76 शिक्षा विभाग से जुड़े थे लेकिन उत्तर केवल 13 सवालों का ही दिया. इसमें 10 सवाल शिक्षा से जुड़े थे. इसमें से ज्यादातर सवालों पर कृष्णनंदन वर्मा जवाब देने में फंस गए. शुरुआत समस्तीपुर के रघुनाथपुर स्कूल में एक भी शिक्षक की तैनाती नहीं होने को लेकर हुई थी. कृष्णनंदन वर्मा जी ने हकीकत स्वीकार की तो सवाल पर सवाल होने लगे. आरजेडी नेता अब्दुलबारी सिद्दीकी ने कहा कि जब शिक्षक ही नहीं है, तो स्कूल बंद कर दीजिए. 


बात बढ़ी, तो आरजेडी विधायक भोला यादव ने शहरी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर सरकार को घेरा और कहा कि जिन शहरी स्कूलों में जरूरत से ज्यादा शिक्षक हैं, क्या उनका ट्रांसफर करने की सरकार नीयत रखती है, इस पर सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया. 


विपक्ष का वार झेलकर बाहर निकले शिक्षा मंत्री ने दावा किया कि नवंबर तक शिक्षकों की नियुक्ति हो जाएगी लेकिन विपक्ष के सवालों ने यहां भी उनका पीछा नहीं छोड़ा. यह पहली बार नहीं है जब शिक्षा मंत्री सवालों पर घिरे हैं. इससे पहले भी उनकी किरकिरी हो चुकी है लेकिन पुरानी गलतियों से लगता है उन्होंने सबक नहीं सीखा है.