पटना: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किए गए कारगर प्रयासों तथा उपाय कि विश्व स्वास्थ्य संगठन, संयुक्त राष्ट्र संघ सहित दुनिया के कई देशों तथा संगठनों ने सराहना की है. 


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विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी निदेशक माइकल जे रयान ने जहां कहा है की घनी आबादी वाला देश भारत जिस प्रकार कोरोना संक्रमण को अभी तक रोकने में सफल हुआ है, इससे वैश्विक स्तर पर इससे लड़ने में सहायता मिलेगी. 


उन्होंने कहा है कि साइलेंट किलर कहा जाने वाला चेचक और पोलियो जैसी दो गंभीर बीमारियों के उन्मूलन में  दुनिया की अगुवाई भारत ने की है. इससे पता चलता है कि भारत में जबरदस्त क्षमता है, ऐसी क्षमता सभी देशों में होनी चाहिए. 


संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरस तथा ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त ओ फैरेल ने कोविड-19 के वायरस के प्रसार को रोकने के लिए त्वरित कदम उठाने की सराहना की है. 


वहीं अमेरिका की रिसर्च कंपनी मॉर्निंग कंसल्ट पॉलीटिकल इंटेलिजेंस ने विश्व भर में किए गए अपने सर्वे में कोरोना के खिलाफ लड़ने में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 68% अंकों के साथ पहले नंबर पर हैं. यह सर्वे दुनिया भर के नेताओं की ओर से कोरोना के संकट से लड़ने में किए गए प्रयासों तथा कार्य क्षमता एवं लोगों के भरोसे को ध्यान में रखकर किया गया है. 


माइक्रोसॉफ्ट के प्रमुख बिल गेट्स ने पत्र लिखकर भारत सरकार के किए गए निर्णयों की भरपूर सराहना की है. वैश्विक पटल पर मिल रही सराहना कांग्रेस को पच नहीं रही है, राहुल- सोनिया सहित तमाम विपक्षी दल के नेताओं ने सरकार के खिलाफ केवल बोलने तथा अपनी राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध करने में लगे हैं. 


संकट में सबको मिलकर लड़ने के बजाए कांग्रेस अपनी राजनीतिक हितों के लिए लड़ाई को कमजोर करने पर आमदा है,जहां इस लड़ाई में पूरा देश तथा आम जनमानस का सहयोग मिल रहा है, वहीं कांग्रेस इसे पचा नहीं पा रही है. 


कोरोना की लड़ाई को सभी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं से परे राष्ट्र की महत्वाकांक्षा को ऊपर रखना चाहिए, परन्तु कांग्रेस केवल अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा की लड़ाई लड़ रही है.


यही कारण है कि कांग्रेस बिहार में अपने बलबुते खड़े होने के बजाए आरजेडी का पिछलग्गू बना है, जिसकी जमीन पूरी तरह समाप्त हो चुकी है, इसीलिए तेजस्वी यादव चारा भी डालने को तैयार नहीं हैं. अपनी जमीन तलाशने तथा तेजस्वी से पिंड छुड़ाने के बजाय बीजेपी-जदयू तथा सरकार के खिलाफ बोलने के आलावा कांग्रेस के पास कोई काम नहीं रह गया है.