रांची: झारखंड में हाल के दिनो मे जिस जमीन को लेकर राजनितिक सियासत तेज थी. वहीं, सोमवार को जमीन के मालिक कुञ्ज बिहारी मुन्डा और सभी अनुसूचित जनजाति मुन्डा के सदस्य आदिवासी थाने में पहुंचे. इस दौरान, वह जमीन के पेपर के साथ लाए और एफआईआर (FIR) कराया, जिसमें 1450 एकड़ जमीन फर्जी तरीके से बेची गई.


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इसमें वन भूमि, गौरमजरुआ और आदिवासी रैयती भूमि है. वहीं, जमीन मालिक कुंजबिहारी मुंडा ने कहा कि, ये जमीन कोसी कंसलटेंट प्राइवेट लिमिटेड और चंद्रदेश  बजाज को गैर कानूनी तरीके से बेच दी गई है, इसलिए हम सभी आज एक साथ एसटी/एससी थाना में सभी कागजात के साथ एफआईआर दर्ज करा रहे हैं.


उन्होंने कहा कि, हम इसकी मालगुजारी भी देते हैं और रसीद भी कटवाते हैं. उन्होंने कहा कि, हम एसटी/एससी थाना में पूरे कागज के साथ एफआईआर कराया ताकी, उन सभी दलालों पर कार्रवाई हो, जिन्होंने मेरी जमीन को इस तरह से बेचने का काम किया है.


दरअसल, रविवार को जेएमएम ने बुंडू में गैरमजरूआ, आदिवासी रैयत और वन भूमि की जमीन को लैंड बैंक बनाकर, बीजेपी से जुड़े पूंजीपति घराने को देने का आरोप मढ़ा है. जेएमएम महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा कि, पिछली सरकार में हुई दो रजिस्ट्री के डीड, जिसका नम्बर 1881 और 1882 है को सार्वजनिक किया है.


पहले डीड में शाकम्बरी बिल्डर्स के मालिक चंद्रेश बजाज को बेचने का हवाला दिया है. चंद्रेश बजाज को बीजेपी के पवन बजाज का पुत्र बताया है. साथ ही, कहा है कि पवन बजाज बीजेपी के आजीवन निधि के सदस्य हैं. तो दूसरी डीड कोसी कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड के नाम है, जिसके मालिक राहुल कुमार है.


राहुल को उन्नाव उत्तर प्रदेश का रहने वाला बताया है. 1450 एकड़ भूमि में 228 एकड़ जमीन वन भूमि की, जबकि 513 एकड़ गैर मजरुआ बताया गया है. जेएमएम महासचिव ने कहा कि, हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार में सभी जमीन घोटाले की जांच होगी.


वहीं, हेमन्त सरकार में शामिल कांग्रेस कोटे के मंत्री बादल ने कहा कि, साक्ष्य और साक्षात जब दोनों चीजें सरकार के सामने आएगी तो, मुख्यमंत्री का यह विभाग है. राज्य हित में उनसे आग्रह करेगें कि वह निर्णय लें. इस तरह के मामले में शीघ्र जनता के सामने सच दिखाने का काम सरकार करेगी.
 
इधर, जेएमएम के द्वारा पिछली सरकार पर लगाए गए आरोपी पर झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि, बीजेपी के कार्यकर्ता इस प्रकार की गतिविधि में शामिल नहीं होते हैं. जहां तक बुंडू की जमीन का सवाल है तो, सरकार जांच कराए. कौन रोक रहा है. दूध का दूध और पानी का पानी करें. सरकार सत्ता शासन उनके पास है. बेहतर होगा जांच करवा कर चीजों को जनता के सामने लाए.