गया: Bihar News: बिहार के गया के बोधगया में विभिन्न पंचायतों में संचालित सरकारी विद्यालय के करीब 450 रसोईया अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई है. जिस कारण विद्यालय के शिक्षकों की मुशकिलें बढ़ गई है. 


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बोधगया के बीआरसी के बाहर धरने पर बैठी रसोइया
सभी रसोइया ने अपनी मांगों को लेकर बोधगया के बीआरसी के बाहर धरने पर बैठी है. रसोइया रेणु कुमारी ने बताया कि हम लोगों को 10 महीने का वेतन दिया जाता है. वो भी मात्र 16 सौ रुपए. इस मानदेय पर तो विद्यालय के बच्चों को सुस्वाद खाना बनाकर खिलाते है, लेकिन इस मानदेय पर हम लोग हमारे घरों में अपने बच्चों को पूरा खाना नहीं खिला पा रहे है. जब हमारे बच्चे ही भूखे रहेंगे तो हम दूसरे बच्चों को खिलाते समय कैसा महसूस करेंगे. सरकार हमारे ऊपर भी ध्यान दें. 


बोधगया से लेकर गया और पटना तक अपनी मांगों को रखा
उन्होंने आगे बताया कि हम लोगों ने बोधगया से लेकर गया और पटना तक अपनी मांगों को रखा है. जिसमें रसोइया का वेतन एक कुशल मजदूरी की मजदूरी के दर से न्यूनतम 10 हजार रुपए प्रतिमाह निर्धारित किया जाए. इसके साथ ही इसमें प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत की वृद्धि किया जाए. एक वर्ष में 10 महीने की जगह पूरे 12 महीने का वेतन भुगतान किया जाए.
 
'रसोइया को वर्ष में 16 आकस्मिक अवकाश मिले'

मृत रसोइया के आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर रसोइया पद पर बहाल किया जाए. रसोइया को वर्ष में 16 आकस्मिक अवकाश, महिला रसोइया को प्रतिमाह 2 विशेष अवकाश और मातृत्व अवकाश दिया जाए. रसोइया की सेवा अवधि को 65 वर्ष की जाए. 


रसोइया को वर्ष में 16 आकस्मिक अवकाश
वहीं प्रधानमंत्री श्रम योगी पेंशन योजना की पात्रता रखने वाली रसोइया का पंजीयन विभाग द्वारा कराने का आदेशनिर्गत किया जाए और इस योजना की अधिकतम उम्र सीमा 40 वर्ष से बढ़ाकर 50 वर्ष किया जाए.
इनपुट- पुरूषोत्तम कुमार


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