गया: Bihar News: बिहार के गया जिले में बिना वर्दी के घटनास्थल पर पहुंचना एक ट्रेनी DSP को भारी पड़ गया.  वर्दी में नहीं होने के कारण लोग उन्हें चोर, डकैत और फर्जी DSP बोल रहे थे. इस दौरान ट्रेनी DSP साथ आए बिना वर्दी में ASI लगातार लोगों को बताते रहे कि यही थाना प्रभारी हैं, लेकिन लोग इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं थे. स्थानीय लोगों का कहना था कि उन्हें विश्वास नहीं वो DSP है. 112 को कॉल किया गया है, उसी पर भरोसा है.


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क्या है पूरा मामला
दरसअल पूरा मामला यह है कि मानपुर प्रखंड के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव में जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों में विगत कुछ दिनों से लड़ाई से चला रहा था. जिसके बाद बुधवार को कुछ लोग बोलेरो और एक बाइक से पहुंचे और महिला के साथ मारपीट करने लगे. इस मामले की सूचना पुलिस को मिली दी गई. सूचना मिलते ही ट्रेनी डीएसपी बिना वर्दी के ही अपने सहयोगी के साथ घटना स्थल पर पहुंच गए और आरोपियों को हिरासत में ले लिया. महिला के साथ हुए मारपीट की घटना से पूरा गांव भड़का हुआ था. जिसका खामियाजा बिना वर्दी के आए ट्रेनी डीएसपी व एएसआई को भुगतना पड़ गया और पूरे गांव में उन्हें भारी फाजियात उठानी पड़ गई.


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ASI भी बगैर वर्दी के घटनास्थल पहुंचे 
ट्रेनी DSP कुंदन कुमार खुद तो बगैर वर्दी के पहुंचे ही, उनके साथ एक प्रशिक्षु ASI भी बगैर वर्दी के घटनास्थल पहुंच गए. मारपीट के मामले की छानबीन करने वो जगदीशपुर पहुंचे थे. घटना में शामिल आरोपियों को पकड़ कर वो अपने साथ ले जा रहे थे. इसपर गांव वाले भड़क गए और कहने लगे कि 112 के आने के बाद ही आरोपी जाएंगे. इस दौरान प्रशिक्षु DSP ने लगातार कहते रहे कि हम ही थानाध्यक्ष हैं. फिर भी गांव वाले उनकी बात मानने को तैयार नहीं थे. मौके पर प्रशिक्षु एसआई सियाराम यादव ने भी गांव वालों को बताया कि यही DSP हैं. 112 से भी ज्यादा बड़े हैं.  गांव वालों ने इस पर कहा आप लोग यदि DSP और दरोगा हैं, तो सिविल ड्रेस में क्यों हैं.