Bihar Flood News: बिहार में मानसून आते ही बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. सासाराम में कोसी नदी के जलस्तर में काफी बढ़ोत्तरी हो गई है, जिससे उनके किनारे बसे सैकड़ों गांवों के लोग भयभीत हैं. नेपाल बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद सहरसा में कोसी नदी उफान पर है. कोसी नदी के जलस्तर बढ़ने का असर सहरसा के पूर्वी कोसी तटबन्ध के भीतर बसे गांवों पर देखा जा रहा है. यहां कोसी कहर बरपा रही है. जिले के नवहट्टा प्रखंड के तटबन्ध के भीतर केदली पंचयात के कई गांव के सैकड़ों घर कोसी नदी के चपेट में आ गए हैं और पूरा इलाका जलग्मन हो गया है. जलस्तर बढ़ने से कई एकड़ में लगी फसल डूब चुकी है. पानी से घिरे लोगों को खाने पीने के साथ माल मवेशियों के चारे की किल्लत हो गई है. लोगों के घरों से निकलने के लिए मात्र नाव ही सहारा है. 


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केदली पंचयात के केदली, अशय पहाड़पुर, बगहा खाल, नौलख्खा सहित कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं. स्थानीय लोगों का कहना है नदी के जलस्तर बढ़ने के बाद पूरा गांव पानी से घिर गया है कई लोगों के घरों में पानी प्रवेश कर गया है. पिछले दस दिनों यही स्थिति बनी हुई है. लेकिन प्रसासन के कोई भी अधिकारी हमलोगों का हाल जानने नही पहुंचा है और न ही कोई राहत दी गई है. उधर हाजीपुर में नगर निगम की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां नगर निगम की ओर से गंडक नदी में कचरा डाला जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सात निश्चय योजना के तहत सभी प्रमुख नदियों की देखरेख एवं उचित सफाई करने का आदेश दिया है, लेकिन हाजीपुर नगर निगम के अधिकारी इसको पलीता लगा रहे हैं. नदी में कचरा डालने से बाढ़ का खतरा और बढ़ रहा है.


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हाजीपुर नगर निगम की गाड़ियों द्वारा गंडक नदी में कचरा डालने का वीडियो सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि नगर निगम की ओर से शहर का सारा कचर लाकर गंडक नदी के कौनहारा घाट में फेंका जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सात निश्चय योजना के तहत सभी प्रमुख नदियों की देखरेख करने के आदेश दिए हैं. तो वहीं केंद्र सरकार नमामि गंगे योजना के तहत नदियों के सफाई एवं घाट के सौंदर्य करण को लेकर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. वहीं नगर परिषद की अधिकारी और उनके कमी गंडक नदी को पूरी तरीके से गंदा करने और भी विषाक्त करने में लगे हैं.