जहानाबाद: जहानाबाद में मनरेगा योजना में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. यहां एक ही योजना के नाम पर चार बार फर्जी तरीके से राशि निकालकर बंदरबांट करने का संगीन मामला प्रकाश में आया है. मामला रतनी प्रखंड के उचिटा पंचायत के गंगाकुरा गांव का है. फिलहाल इस मामले को लेकर ग्रामीणों के साथ- साथ स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों में रोष व्याप्त है. वहीं ग्रामीणों ने इस मामले की जांच को लेकर जिलाधिकारी, उप विकास आयुक्त से लेकर मगध प्रमंडल आयुक्त को भी लिखित आवेदन देकर जांच कराने की मांग की है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एक ही योजना पर 4 बार पैसे की निकासी
ग्रामीणों ने बताया कि एक पइन के उड़ाई के नाम पर पहले लघु सिंचाई विभाग से योजना के नाम पर काम कराया गया, बाद में मनरेगा योजना से एक नहीं, दो नहीं, तीन नहीं बल्कि चार बार फर्जी ढंग से पैसे की निकासी कर ली गई है. जबकि सच्चाई यह है कि इस योजना को कुछ ही माह पहले ही लघु सिंचाई विभाग से सरकार के सात निश्चय योजना के तहत जनजीवन हरियाली के नाम पर पूरा किया गया था. 



इस संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि उचिता पंचायत के गंगाकुरा में मुसहर टोली से पैन उड़ाई कार्य में एक बार में 56430 की निकासी की गई. उसके बाद योजना का नाम बदलकर पुनः बिंदा चौधरी के खेत से मुसहर टोली पुल तक उड़ाही के नाम पर 236092 रुपए की निकासी की गई. इस योजना को एक बार फिर रामगोविंद के बोरिंग से मुसहर टोली होते हुए उड़ाही कार्य के तहत 156332 रुपए की निकासी योजना का नाम बदलकर किया गया. कुल मिलाकर नाम बदलते हुए कार्यकारी एजेंसी ने तीन बार फर्जी ढंग से 448754 रुपये की निकासी कर ली गई है. 


फर्जी ढंग से हुई पैसे की निकासी
इसके बाद में टेनीराम के घर तक खुदाई कार्य के तहत 172854 की निकासी योजना का नाम बदलकर एक बार फिर पैसा लिया गया, जबकि जनजीवन हरियाली के नाम पर कुछ ही माह पूर्व पईन की उड़ाई लघु सिंचाई विभाग के द्वारा हर खेत को पानी पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया था. इस तरह मनरेगा के नाम पर लगातार चार बार नाम बदलकर फर्जी ढंग से पैसे की निकासी की गई. 


मामले में जांच के लिए किया गया टीम का गठन
इस मामले पर जिलाधिकारी रिची पांडेय ने बताया कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी. इसके लिए एक टीम का गठन किया गया है. अगर फर्जी ढंग से पैसे की निकासी मनरेगा के तहत एक योजना का नाम बदलकर की गई है तो जांच उपरांत संबंधित एजेंसी एवं पदाधिकारी पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी.


इनपुट- मुकेश कुमार


यह भी पढ़ें- बिहार में ग्रेजुएशन सिलेबस में हुआ बड़ा बदलाव, अब इतने साल का होगा शैक्षिक सत्र