गया: बिहार के मुस्लिम परिवार में जन्मे भाई-बहन दानिश और जाकिया के बारे में जो भी सुन रहा है हैरान हो जा रहा है. दरअसल दानिश का जन्म बुधवार को हुआ था तो उनकी मां उनको बुद्ध के नाम से पुकारन लगीं लेकिन उन्हें क्या पता था कि एक दिन उनका बेट ऐसा कुछ कर देगा जिसके बाद उसकी चर्चा चारों तरफ होने लगेगी. 


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बता दें कि बुद्ध के नाम का प्रभाव दानिश पर ऐसा पड़ा कि उसने बहन जाकिया के साथ मिलकर भगवान बुद्ध पर ही रिसर्च कर दिया. दोनों पेशे से प्रोफेसर हैं और दोनों भगवान बुद्ध के विचारों से काफी प्रभावित हैं. यही वजह है कि दोनों ने बुद्ध पर जो रिसर्च पेपर तैयार किया आज उसकी वजह से दोनों चर्चा में हैं. 


बता दें कि बोधगया में इसी महीने इंटरनेशनल बौद्ध महोत्सव का आयोजन हुआ था जिसमें बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पधारे थे और उन्होंने यहां 'तथागत' नाम की एक पुस्तक का विमोचन किया था. इसी पुस्तक में मोहम्मद दानिश मसरूर और डॉ जाकिया मसरूर का एक लेख छपा था जिसका शीर्षक था 'बुद्ध हो जाना'. इस लेख ने खूब सुर्खियां बटोरी और इसकी सबसे बड़ी वजह लेख का मुस्लिम स्कॉलर द्वारा लिखा जाना रहा. 


बुद्ध के प्रभाव में पूर परिवार के आने की वजह अनोखी है. दानिश का जन्म बुधवार को हुआ तो मां रोशन जहां उन्हें बुद्ध कहकर बुलाने लगीं. वहीं जाकिया को बुद्ध की बहन कहकर बुलाया जाने लगा.  बुद्ध के नाम का प्रभाव भी इन दोनों पर पड़ा और इन दोनों ने मिलकर इश लेख को लिख डाला. 


बौद्ध दर्शन को इनदोनों के साथ इनके परिवार के लोगों ने भी पढ़ा और समझा. ऐसे में दोनों भाई बहन ने बुद्ध पर किताब लिखने का निर्णय लिया और फिर 'बुद्ध हो जाना' लिख दिया. दोनों भाई बहन गया के अलग-अलग कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. 


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