`विष्णुपद मंदिर` में सीएम नीतीश के साथ पहुंचे मंत्री इसराइल मंसूरी, गंगा जल से धोया गया गर्भगृह
Minister Israel Mansoori: विष्णु पद मंदिर में गैर हिंदूओं के प्रवेश पर रोक है. ऐसे में बिहार सरकार के सूचना व प्रसारण मंत्री इसराइल मंसूरी के मंदिर में प्रवेश के बाद बवाल मच गया है.
गया: सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गया के दौरे पर थे. अपने दौरे पर उन्होंने विश्वविख्यात विष्णु पद मंदिर में भगवान विष्णु की चरण स्थली पर विशेष पूजा अर्चना की थी. इस दौरान बिहार सरकार के सूचना व प्रसारण मंत्री इसराइल मंसूरी भी सीएम नीतीश के साथ गर्भगृह में मौजूद थे. जिसके बाद इसराइल मंसूरी का मंदिर में प्रवेश करने का मामला गरमा गया. मंदिर से जुड़े पंडा समाज में इस बात को लेकर काफी गुस्सा है.
गैर हिंदू का प्रवेश निषेध
बता दें कि मोक्ष की नगरी गया में विराजमान भगवान विष्णु की चरण स्थली जिसका सनातन संस्कृति और परंपरा को लेकर एक अलग ही धार्मिक महत्व है. जहां अहिन्दू का प्रवेश निषेध है और ये परंपरा अनंत काल से चली आ रही है. मंदिर के प्रवेश द्वार के दांए और बांए तरफ तीन भाषाओं में शिलापट्ट पर इस बात को लिखा हुआ है ताकि कोई भी अहिन्दू भूल से भी इस मंदिर में प्रवेश न कर सके, लेकिन नीतीश कुमार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री व गया जिला प्रभारी मंत्री मो.इसराइल मंसूरी ने सारी चीजों को ताक पर रखकर बेधड़क मंदिर के मुख्य द्वार ही नहीं बल्कि गर्भगृह में भी घुस गए. जिसके बाद भगवान विष्णु से क्षमा मांगी गई और गर्भगृह को गंगा जल से धोकर भगवान को भोग लगाया गया.
पंडा समाज में रोष
वहीं इस घटना को लेकर विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के कार्यकारी अध्यक्ष शंभू लाल बिट्ठल ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि उस वक्त हमें भी इसकी जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा कि चेहरा से पहचान नहीं हो सका. जो स्थानीय लोग थे उन्हें रोकना चाहिए था. सनातन धर्म और पंडा समाज को ठेस पहुंचा है. इससे समिति क्रोधित है. जानबूझकर ऐसा करवाया गया. कई वीआईपी मेहमान आए, मंत्री आए हैं लेकिन मुस्लिम धर्म क्या ईसाई धर्म के लोग भी विष्णुपद मंदिर में प्रवेश नहीं किए है. जिनसे गलती हुई उन्हें खेद प्रकट करना चाहिए.
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अन्य मुस्लिम पदाधिकारी बाहर रूके
वहीं विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के सदस्य महेश लाल गुप्त ने कहा की अगर जानकारी होती तो अहिंदुओ के प्रवेश होने की जानकारी देकर रोका जाता. सीएम के साथ चलने वाले और भी मुस्लिम पदाधिकारी थे लेकिन उन्होंने तो ऐसा नहीं किया. उन्होंने कहा कि अहिंदूओ के लिए विष्णुपद मंदिर में एक स्थान निर्धारित है जहां से उन्हें मंदिर की जानकारी दी जाती है.