औरंगाबादः कोरोना के बाद दुनियाभर के लिए देहशत का कारण बनने वाले मंकी पॉक्स का देश में मामला सामने आने के बाद अब बिहार पर भी इसका खतरा मंडराने लगा है. बिहार के औरंगाबाद में दिल्ली से आये एक युवक में मंकी पॉक्स के लक्षण मिले हैं. पीड़ित युवक को बुखार के साथ-साथ उसके शरीर पर बड़े-बड़े फोड़े के निशान पाए गए हैं. जिससे कि मंकी पॉक्स की आशंका जताई गई है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जांच के लिए पुणे भेजा जाएगा सैंपल
इसकी जानकारी मिलते ही पूरे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग ने एहतियातन विशेष टीम का गठन कर युवक का सैंपल लेने की तैयारी की जा रही है. जिसे जांच के लिए पुणे भेजा जायेगा. सिविल सर्जन डॉ कुमार वीरेन्द्र ने बताया कि जांच के बाद ही पूरा मामला साफ हो पायेगा. इसे लेकर उन्होंने जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट भी कर दिया है.


बिहार में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट मोड 
वहीं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि मंकीपॉक्स के संभावित खतरे को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है. इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार विशेष कदम उठा रही है. इसको लेकर विभाग स्वास्थ्यकर्मियों के क्षमतावर्द्धन पर विशेष ध्यान दे रहा है. मंकीपॉक्स की गंभीरता को देखते हुए इसके प्रभावी सर्विलांस एवं लैब टेस्टिंग पर विभाग द्वारा विशेष जोर दिया जा रहा है. इसके लिए हर जिले के माइक्रोबायलोजिस्ट और लैब टेक्नीशियन को बुधवार को पटना में प्रशिक्षण दिया गया है.


क्या है मंकी पॉक्स?
मंकी पॉक्स वायरस एक मानव चेचक के समान एक दुर्लभ वायरस है. यह पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में सामने आया था. इस वायरस का पहला मामला 1970 में मिला. मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों का रोग है. लेकिन, इन दिनों संक्रमण के मामले विश्व के अलग-अलग देशों में सामने आने से दुनियाभर में देहशत का माहौल है. 


यह भी पढ़े- Bihar News: बारिश के बाद यूरिया की किल्लत, किसानों में मचा हाहाकार