कैमूर: बिहार में शराबबंदी कानून के बीच आए दिन नेताओं के विवादित बयान सामने आते रहते हैं. इसी बीच जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने शराबबंदी को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बिहार में 95 फीसदी पत्रकार शराब पीते हैं. इसके अलावा उन्होंने शराबबंदी को लेकर नीतीश सरकार को भी घेरा है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

'95 फीसदी पत्रकार शराब पीते हैं'
पप्पू यादव कैमूर जिले के कुदरा थाना क्षेत्र के सलथुआ में कांग्रेस नेता चंद्रमा सिंह यादव की हत्या होने के बाद उनके परिवार से मिलने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने शराबबंदी को लेकर नीतीश सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बावजूद बिहार में 80 प्रतिशत जज, 90 प्रतिशत अधिकारी और 95 प्रतिशत पत्रकार शराब पीते हैं.


एसपी-डीएसपी पर हो कार्रवाई: पप्पू
पप्पू यादव ने नीतीश कुमार को सलाह देते हुए कहा कि शराबबंदी को सफल बनाने के लिए थानेदार, डीएसपी और एसपी पर कार्रवाई करनी होगी. एक फुंसी के लिए बिहार सरकार पूरी गर्दन कटाने के लिए तैयार है. शराब के कारोबार को रोकने के लिए मुकम्मल व्यवस्था करनी होगी. 


'फुंसी के लिए गर्दन कटा रहे हैं'
पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा कि 80 प्रतिशत जज, 90 प्रतिशत पदाधिकारी, 95 प्रतिशत पत्रकार और नेता शराब का सेवन करते हैं. देश में सबसे ड्राई स्टेट गुजरात में भी शराबबंदी के बावजूद 25 लोग मरे. दिल्ली में शराब को इतना बढ़ा दिया है कि इससे राज्य की इकोनॉमी बढ़ गई, तो हम क्यों इसे बंद किए हैं? लोगों को इकोनॉमी की जरूरत है और हम फुंसी के लिए अपनी गर्दन कटा रहे हैं. 


ये भी पढ़ें- Bihar News: तीन साल की मासूम को कुत्तों ने बीच सड़क पर नोच-नोच कर मार डाला, बिस्कुट खरीदने निकली थी बच्ची


डीएसपी को सस्पेंड करिए
उन्होंने नीतीश कुमार को सलाह दी, 'अगर आप शराबबंदी को अपनी पहचान मानते हैं तो इसके लिए जिम्मेदारी तय करिए. जिस क्षेत्र में शराब का मामला आए वहां के दरोगा को बर्खास्त किया जाए, डीएसपी को सस्पेंड करिए और एसपी का प्रमोशन रोक दीजिए. अगर इसे और ज्यादा धारदार बनाना है तो एक्साइज को पूरी तरह खत्म करना होगा और वहां के स्थानीय नेताओं को भी जिम्मेदार बनाया जाए. हर चीज के लिए नेता जिम्मेदार होंगे तो शराबबंदी जो आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण महत्वाकांक्षा बना हुआ है वह सफल होगा.'