नवादा: Kakolat Waterfall: नवादा में स्थित बिहार के सुप्रसिद्ध ककोलत जलप्रपात में अचानक बाढ़ आ गई. बाढ़ आ जाने से ककोलत में हो रहे विकास कार्य बाधित हो गए हैं. बता दें कि झारखंड के हिस्से में हो रही बारिश के बाद ककोलत के झरने में भी भारी जल वृद्धि हुई. जिसके कारण जलप्रपात पर हो रहा विकास कार्य पूरी तरह से बाधित हो गया.


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जलप्रपात में अचानक पानी आ जाने से वहां मौके पर काम कर रहे मजदूरों में अफरा-तफरी मच गई. पानी के अचानक बढ़ जाने से किसी को कुछ नहीं समझ आया. मौके पर काम कर रहे मजदूर किसी तरह वहां से जान बचाकर निकले. वहीं मौके पर काम कर रहे कई लोगों ने एक-दूसरे मजदूर को पानी की तेज धाराओं से निकाला. राहत की बात यह रही अचानक आई बाढ़ से कोई हताहत नहीं हुआ. 


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मौके पर हो रहे निर्माण कार्य के कई सामान भी उस तेज बहाव में बह गए. यह स्थिति कई घंटों तक लगातार बनी रही, फिलहाल ककोलत के जलस्तर में गिरावट आ रही है तो कभी पानी की धारा तेज हो जा रही है. फिलहाल निर्माण कार्य को एहतियातन रोक दिया गया है. 


बता दें कि बिहार के 'कश्मीर' के रूप में विख्यात ककोलत जलप्रपात जहां लगभग  160 फ़ीट की ऊंचाई से गिरते झरने की खूबसूरती यहां आनेवाले पर्यटकों का मन मोह लेती है. ऐतिहासिक ककोलत एक खूबसूरत पहाड़ी के निकट बसा हुआ झरना है. यह झरना बिहार के नवादा शहर से 33 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. झरने के नीचे पानी का एक विशाल जलाशय है.


इस झरने का पौराणिक महत्व भी है. इसके अनुसार त्रेता युग में एक राजा को किसी ऋषि ने श्राप दिया था. श्राप के कारण राजा अजगर बन गया और वह यहां रहने लगा. कहा जाता है कि द्वापर युग में पांडव वनवास के दौरान यहां आए थे. उनके आशीर्वाद से इस श्रापित राजा को मुक्‍ति मिली थी. मुक्ति मिलने के बाद राजा ने भविष्‍यवाणी की कि जो कोई भी इस झरने में स्‍नान करेगा, वह कभी भी सर्प योनि में जन्‍म नहीं लेगा. 


Yeswent Sinha