मुकेश कुमार, दरभंगा : पाकिस्तान से हिन्दुस्तान लौटी गीता को इंदौर से वीडियो कॉलिंग कर बिहार के दरभंगा जिला का हवासा गांव और उसका कथित घर दिखाया गया. गीता ने गांव के कई जगहों को पहचान लिया है. हालांकि जिस महिला ने मां होने का दावा किया था उसे पहचानने से गीता ने इनकार कर दिया है. वहीं, एक व्यक्ति को उसने चाचा के तौर पर पहचाना है. साथ ही उसने दरभंगा आने की इच्छा भी जतायी है. 


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विदेश मंत्रालय की मदद से पाकिस्तान से हिन्दुस्तान लौटी गीता को अपनी बेटी बताने वाले दरभंगा के मांझी परिवार को तब और ज्यादा बल मिला जब सरकार की पहल पर गीता ने खुद विडियो कॉलिंग के माधयम से परिवार को पहचाने की कोशिश की. इस दौरान गीता ने हवासा गांव के कई जगहों को भी करीब से देखा. उसने कई जगहों की पहचान भी की है.


बोलने में अक्षम गीता ने संकेत के माध्यम से यह बताया कि उसके गांव में भी कुछ ऐसी जगहें हैं, जो अभी दरभंगा के इस हवासा गांव में दिख रहा है. हलांकि मोबाइल पर गीता ने अपनी मां को पहचानने से इनकार कर दिया, लेकिन एक व्यक्ति की पहचान चाचा के तौर पर की है. गीता ने खुद विडियो कॉलिंग पर मीडिया के सामने आकर बताया कि कई चीजें हैं जो इस गांव से मेल खा रही है. उसने खुद दरभंगा के हवासा गांव आने की इच्छा जतायी है.  


इससे पहले दरभंगा के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने मीडिया की खबरों को संज्ञान में लेते हुए परिवार के दावे की जांच हायाघाट के बीडीओ राकेश कुमार से करावायी. जांच रिपोर्ट में भी साफ लिखा है कि तथ्यात्मक विश्लेषण से पता चलता है कि गीता पर उसकी मां और परिवार का दावा सही हो सकता है. पारिवारिक पृष्टभूमि और ग्रामीणों के मंतव्यों से इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि गीता ही हवासा की संगम कुमारी है.