गिरीडीहः Giridih News: झारखंड के देवरी प्रखंड के गुनियाथर पंचायत अंतर्गत हथगढ़ गांव के ग्रामीणों को आज भी नदी का पानी पीना पड़ रहा है. गांव के लोगों का कहना है कि नदी का पानी पीने से अक्सर लोग बीमार हो जाते हैं. इसे देखते यहां के ग्रामीण वर्षो से गांव में पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त कर पेयजल समस्या से निदान दिलाने की मांग की जा रही है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. 


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तकरीबन आठ सौ लोगों की जनसंख्या वाले इस गांव में 150 परिवार निवास करते हैं. जिसके लिए अभी तक पेयजल की मुकम्मल व्यवस्था नहीं हो पाई है. फलस्वरूप गांव के लोगों को नदी पानी पीना पड़ रहा है. गांव की महिला सदस्यों की सुबह - शाम घर से आधा किलोमीटर दूर पैदल चलकर चोलखो नदी से पानी लाने की जिम्मेदारी है. 


ग्रामीण बच्चू दास, दिनेश दास, चंदन ठाकुर, दीपक साव, सोना साव, भीम ठाकुर, भागीरथ राय, सहदेव साव, सुंदर पंडित, अजय ठाकुर, देवंती देवी, द्रोपदी देवी, कमलेशवा देवी, राजेंद्र ठाकुर आदि ने बताया कि गांव में पेयजल के लिए दो चापाकल लगाए गए है. दोनों चापाकल खराब पड़े हुए है. वहीं जल जीवन योजना के तहत घरों तक पानी पहुंचाने के कार्य में लगे संवेदक की मनमानी की वजह से ग्रामीणों को योजना का लाभ नहीं मिल पाया है. 


आगे बताया कि योजना के तहत गांव में पांच स्थानों पर बोरिंग कर जलमीनार बनाने की योजना बनायी गयी थी. लेकिन, एक वर्ष पूर्व में दो स्थान पर बोरिंग करने के बाद की कार्य को अधूरा छोड़ दिया गया है. योजना के तहत सभी घरों तक पानी पहुंचाया जाना है. लेकिन, अभी तक एक भी परिवार को नल से जल नहीं मिल पा रहा है. फलस्वरूप लोगों को पीने के लिए नदी में चुआं खोदकर पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है.


इनपुट- मृणाल सिन्हा, गिरिडीह


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