आराः झारखंड के सरायकेला-खरसावां में शुक्रवार को हुए बड़े नक्सली हमले में एएसआई समेत पांच पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. नक्सलियों के गोली का शिकार एएसआई भोजपुर जिले के धोबहा थाना क्षेत्र के बाघीपाकड़ गांव निवासी मोती लाल पासवान के पुत्र गोवर्धन पासवान भी है. 


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एएसआई गोवर्धन पासवान के शहादत की खबर जैसे ही उनके परिवार वालों को मिली घर में कोहराम मच गया. शहीद की पत्नी निर्मला देवी व उनके बेटे बेटियों का रो रो कर बुरा हाल है. जवान की शहादत की सूचना जैसे जैसे लोगों को मिल रही है लोग शहीद के घर जुटना शुरू कर दिए है.


बाघीपाकड़ गांव निवासी गोवर्धन पासवान झारखंड पुलिस में वर्ष 1998 में भर्ती हुए थे. उनका पहला पोस्टिंग कोडरमा में हुआ था. काफी लंबा समय झारखंड पुलिस सेवा में देने के उपरांत उनका एएसआई में प्रमोशन हुआ था. सुहाग के उजड़ने की खबर सुन कर शहीद एएसआई की पत्नी निर्मला देवी की तो मानिये जैसे दुनिया ही उजड़ गई हो. पति की मौत की खबर सुनने के बाद से ही पत्नी निर्मला के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.


शहीद गोवर्धन पासवान व उनकी पत्नी निर्मला देवी के दो लड़के सुमित, मनजीत है और दो लड़कियां है. जिनमें एक की शादी तो हो चुकी है और एक बेटी की शादी करनी बाकी है. सबसे ज्यादा उनके परिवार में बड़ी हो चुकी लड़की का शादी की चिंता ज्यादा सता रही है. बच्चों के आंखों से आंसू की धार रूकने का नाम नहीं ले रही है. 


भाई की मौत का खबर सुन कर बदहवास हुई बहन बबिता ने बताया कि उनका भाई गोवर्धन शुक्रवार की दोपहर यानी की कल फ़ोन से बात हुई थी. जहां भाई ने अपनी बच्ची की शादी के बारे में बहन से बात किया था और बताया था कि जल्द ही उसकी शादी ठीक कर दी जाएगी. जबकि पत्नी से आखिरी बार बात करने के समय गोवर्धन पासवान बाजार में थे.


बहरहाल, नक्सली हमले में शहीद एएसआई गोवर्धन पासवान का अंतिम दर्शन करने के लिए उनके गांव सहित आसपास के लोग इंतजार कर रहे है. परिवार वालों ने बताया कि आज रात तक शहीद एएसआई का पार्थिव शरीर उनके गांव आने वाला है