पिता किसान और मां गृहिणी, बेटे ने YouTube से की पढ़ाई, भोजपुर के तपेश्वर का ISRO में चयन
Bihar News: इसरो में टेक्निकल असिस्टेंट के पद के लिए छठे नंबर पर चयनित तपेश्वर बताते हैं कि उन्होंने साल 2018 में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी जिसके बाद स्पेस रिसर्च की दुनिया मे जाने की तैयारी की.
Bihar News: भोजपुर जिले के तपेश्वर कुमार ने अपने कठिन परिश्रम के बल पर इसरो में चयनित होकर परिवार और गांव समेत पूरे जिले का नाम रौशन किया है. तपेश्वर का चयन टेक्निकल असिस्टेंट का तौर पर हुआ है. महज 21 साल की उम्र में तपेश्वर का इसरो में चयन होने के बाद उसके परिवार और पूरे गांव में खुशी की लहर है. तपेश्वर जिले के बिहियां प्रखंड के बरगही गांव के निवासी हैं. पिता छोटे किसान तो माता गृहिणी हैं. बड़ी बहन की शादी हो चुकी है. वहीं, तपेश्वर अपने माता-पिता के इकलौते बेटे हैं.
चाचा नन्द कुशवाहा बताते हैं कि तपेश्वर शुरुआत से ही पढ़ाई में होशियार था जिसकी प्रतिभा को देखते हुए उन्होंने उसे पढ़ाई के लिए पटना भेज दिया. तपेश्वर के चाचा के मुताबिक शुरुआत में तो तपेश्वर के पटना में रहने और पढ़ाई के लिए पैसों की दिक्कत हुई. लेकिन उन्होंने तमाम परेशानियों को दरकिनार करते हुए तपेश्वर की पढ़ाई को प्राथमिकता दी, जिसके बाद तपेश्वर ने इस मुकाम को हासिल किया.
इसरो में टेक्निकल असिस्टेंट के पद के लिए छठे नंबर पर चयनित तपेश्वर बताते हैं कि उन्होंने साल 2018 में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी जिसके बाद स्पेस रिसर्च की दुनिया मे जाने की तैयारी की. फिर उनका पटना के गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज में दाखिला हो गया. जहां उन्होंने साल 2018-21 बैच में मैकेनिकल इंजीनियरिंग से डिप्लोमा किया.
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तपेश्वर बताते हैं कि दसवीं की पढ़ाई के दौरान उन्हें स्कूल के एक शिक्षक ने मोबाइल पर अपोलो मिशन के कुछ वीडियो दिखाए थे. जिसके बाद उनकी रुचि अंतरिक्ष विज्ञान में हो गई. इसके बाद उन्होंने स्पेस की पढ़ाई करने की ठान ली. तपेश्वर ने कहा कि साल 2021 में डिप्लोमा की पढ़ाई खत्म होने के बाद उन्होंने पटना में ही सेल्फ स्टडी की और YouTube के जरिए जमकर तैयारी की. जिसके बाद उनका सिलेक्शन इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन यानी ISRO में हो गया. तपेश्वर जनवरी के अंत मे तमिलनाडु के श्रीहरिकोटा में योगदान देने वाले हैं.
रिपोर्ट: मनीष कुमार