Bihar Education System: बिहार की शिक्षा-व्यवस्था सुधारने के लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक काफी प्रयास कर रहे हैं. वह सख्त नियम बना रहे हैं, सरकारी स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं और अव्यवस्थाएं मिलने पर टीचरों से अधिकारियों तक की क्लास भी लगा रहे हैं. सरकारी टीचरों को टाइट करने के बाद केके पाठक ने बच्चों और उनके अभिभावकों भी टाइट कर दिया. उन्होंने आदेश निकाला कि जो बच्चा लगातार तीन दिन तक स्कूल ना आए, उसका नाम काट दो. इस नियम के बाद स्कूलों में बच्चों की संख्या दोगुनी हो चुकी है. अब यही नियम उच्च शिक्षा निदेशक डॉ रेखा कुमारी ने विश्वविद्यालयों में लागू कर दिया है, जिसके बाद यूनीवर्सिटीज के छात्रों में हड़कंप मचा हुआ है. 


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डॉ रेखा कुमारी ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को पत्र भेजकर कहा है कि अगर कोई छात्र बिना बताए लगातार 3 दिनों से अधिक एब्सेंट रहता है तो स्पष्टीकरण नोटिस जारी करते हुए नाम काटने और रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कार्यवाई की जानी है. मगध यूनिवर्सिटी के छात्रों ने इस पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के सभी विभागों में शिक्षकों की कमी है. छात्रों की समस्या का निदान करने वाला कोई अधिकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ छात्र-छात्राएं बहुत दूर से आते हैं और हॉस्टल में पर्याप्त मात्रा में छात्र-छात्राओं के रुकने की व्यवस्था नहीं है. इस कारण से अनुपस्थिति बढ़ जाती है.


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वहीं इस मामले में मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. समीर कुमार शर्मा ने कहा कि सरकार के आदेश का पालन किया जा रहा है. सभी कॉलेज और सभी विभागों में इस आदेश की कॉपी को पहुंचा दिया गया है. अगर कोई छात्र लगातार तीन दिनों तक अनुपस्थित रहता है तो उसके अभिभावक को बुलाना है और उसके बाद उसका नाम काट देना है.  अगर वह एफिडेविट दाखिल करके वैलिड कारण बताता है तब उसका नाम जोड़ने पर विचार किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक दिन 5 बजे शाम इस पर सभी कॉलेज के प्राचार्यों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग से बात होती है. 


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उधर  उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी के आदेश के बाद भागलपुर के बीएन कॉलेज में छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ गई है, लेकिन इससे कॉलेज में अव्यवस्था पैदा हो गई है. हर कमरे में छात्र-छात्राओं के बैठने की सुविधा नहीं है. परीक्षा भवन नहीं है, लिहाजा जो कमरा छात्राओं के छात्रावास के लिए बनाया गया था, उसमें परीक्षा हो रही है. अगस्त में कुलपति ने छात्राओं के रहने के लिए आवास बनाया था लेकिन उसमें बेंच डेस्क लगा दिये गए है. प्रिंसिपल ने बताया कि आदेश के बाद छात्र छात्राएं तो बढ़े हैं लेकिन अब कमरे की संख्या घट गई है. बेंच डेस्क पर चार छात्रों के बैठने की जगह है. उसमें छह छात्रों की बिठाना पड़ रहा है.