पटना: Bihar Education: मंगलवार को हुए बिहार सरकार कैबिनेट बैठक में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की स्वीकृति मिली गई है. हालांकि इसके साथ इस मामले में अभी एक और पेच फंसा हुआ है. दरअसल इन नियोजित शिक्षकों को अभी सक्षमता परीक्षा देनी है. ऐसे में नियोजित शिक्षक इस परीक्षा में पास होने के बाद ही राज्यकर्मी बन पाएंगे हालांकि परीक्षा को लोग मामूली बता रहे है. वैसे यह मामूली परीक्षा भी बहुत सारे नियोजित शिक्षकों को 'पहाड़' जैसा लग रहा है और उन्हें ये परीक्षा बड़ा ही मुश्किल लग रहा है.


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दरअसल,बहुत सारे नियोजित शिक्षक खुद को इस समझते काबिल नहीं की वो ये परीक्षा पास कर सकते हैं. यह परीक्षा ऐसे ही शिक्षकों को पहाड़ जैसा लग रहा है. इन शिक्षकों के मन में अभी से ही इस बात का संशय बना हुआ है कि किसी कारणवश अगर इस परीक्षा में फेल कर गए तो एक ओर जहां राज्यकर्मी का दर्जा नहीं मिलेगा और दूसरी ओर प्रतिष्ठा पर भी इसका असर देखने को मिलेगा. समाज और स्कूल के बच्चों के बीच उस शिक्षक की छवि धूमिल होगी. ऐसे शिक्षक एक तरह से इस परीक्षा की वजह से बुरे फंस गए हैं.


हालांकि ऐसे शिक्षकों के लिए सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि परीक्षा में बैठने का उन्हें तीन बार मौका मिलेगा. यानी तीन बार में ही सही लेकिन उन्हें परीक्षा पास करनी होगी, तभी राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा और इसके तहत मिलने वाला लाभ भी मिलेगा. बता दें कि शिक्षा विभाग ने सक्षमता परीक्षा लेने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को प्राधिकृत किया है. सूबे के करीब 3.50 लाख नियोजित शिक्षकों की परीक्षा बोर्ड को लेनी है. बताया जा रहा है कि मार्च-अप्रैल 24 में सक्षमता परीक्षा होने की संभावना है.


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