पटना: बिहार लोक सेवा आयोग ने जबसे 70 वीं प्रीलिम्स परीक्षा का एलान किया है. उसी दिन से ही ये लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. कभी इसमें बढ़ाए गए सीटों को लेकर चर्चा होती है तो कभी जल्दी आवेदन की प्रक्रिया खत्म करने को बवाल हुए. वहीं कई लोगों ने तो इसके परीक्षा की तारीख मे बदलाव की भी मांग कर दी. वहीं अब अभ्यर्थियों को इसके एडमिट कार्ड का इंतजार है. इस बीच बीपीएससी 70 वीं प्रीलिम्स परीक्षा को लेकर एक बार फिर से बवाल हो रहा है. दरअसल बिहार लोक सेवा आयोग ने 70 वीं प्रीलिम्स परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू कर दिया है. जिसका हर तरफ विरोध किया जा रहा है. छात्रों ने तो इसके लिए आंदोलन की भी बात कर दी है.


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बता दें कि बीपीएससी परीक्षा में जबसे नॉर्मलाइजेशन शब्द जुड़ा है तबसे ही हंगामा शुरू हो गया है. अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर बीपीएससी की परीक्षा में लागू होने वाले नॉर्मलाइजेशन का मतलब क्या है? जिसको लेकर इतना हंगामा हो रहा है आसान शब्दों में कहा जाए तो नॉर्मलाइजेशन में जब परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बहुत अधिक है तो ऐसे में दो या उससे अधिक पाली में परीक्षा ली जाती है.


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इसके मुताबिक जब एक पाली में कुछ अभ्यर्थियों के कम नंबर आए हैं या सवाल में उनका अटेम्प भी कम रहेगा तो उस पाली को आयोग द्वारा कठिन माना जाएगा. वहीं दूसरी पाली में अगर ज्यादा नंबर आता है और अटेम्ट भी ज्यादा होते हैं, तो इस पाली को आसान माना जाएगा. अब नॉर्मलाइजेशन लागू होने के बाद आसान पाली वाले के नंबर के हिसाब से मुश्किल पाली वालों के नंबर को बढ़ोतरी की जाएगी. इसी बात को लेकर इतना बवाल हो रहा है. अभ्यर्थियों का कहना है कि सामान्य ज्ञान तो जिसको जितना पता है उतना ही जवाब देगा. बीपीएससी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन सही नहीं है.


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