KK Pathak News: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अपनी सख्ती के लिए सुर्खियों में बने रहते हैं. उनके सामने आते ही शिक्षकों के होश उड़ जाते हैं. केके पाठक को लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं है. पिछले तकरीबन चार महीनों में 15 हजार से ज्यादा शिक्षकों पर विभिन्न कारणों से कार्रवाई हो चुकी है. लापरवाही बरतने वाले करीब 28 शिक्षकों बर्खास्त भी किया जा चुका है और 37 शिक्षकों पर अभी भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है. इन सभी पर संजीदगी से ड्यूटी नहीं करने के कारण विभागीय कार्रवाई हुई है.


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एनबीटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूल से गैरहाजिर रहने के कारण 13 हजार 153 शिक्षकों के वेतन में कटौती की गई है. इतना ही नहीं 1,097 और शिक्षकों का वेतन काटा जाएगा. रिपोर्ट में बताया गया कि 9,288 शिक्षक पिछले 6 महीने से स्कूलों नहीं जा रहे थे. 6 महीने से लेकर 2 साल के बीच स्कूल से गायब रहने वाले शिक्षकों की संख्या 243 है. वहीं 374 शिक्षक ऐसे हैं, जो दो वर्ष से अधिक समय से गायब हैं. रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई के तहत 43 शिक्षक निलंबित किए जा चुके हैं और 146 शिक्षक अभी निलंबित होने वाले हें.


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क्लासरूम में फोन के इस्तेमाल पर रोक


केके पाठक ने एक और नया नियम निकाला है, जिसके तहत अब व्हाट्सअप पर छुट्टी का आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा. इसके अलावा अब टीचर क्लासरूम में फोन का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. क्लास के अंदर फोन पर बात करने पर शिक्षक की नौकरी तक जा सकती है. डीईओ की तरफ से निर्देश जारी कर कहा गया है कि शिक्षक कक्षा के दौरान मोबाइल का उपयोग नहीं करेंगे. ऐसा होता है तो प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक से जवाब मांग सकते हैं.


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मीडिया पर आए तो नौकरी गई!


अब कोई शिक्षक मीडिया में बयान नहीं दे सकते और ना ही शिक्षा विभाग को लेकर सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट कर सकते है. इससे पहले शिक्षा विभाग की तरफ से फरमान जारी किया गया था कि जिस स्कूल में शिक्षक पढ़ाते है उन्हें स्कूल के 15 किलोमीटर के दायरे में ही रहना होगा चाहे वो ड्यूटी पर हो या छुट्टी पर. इसके अलावा तबीयत खराब होने पर भी खुद स्कूल आकर छुट्टी लेनी पड़ेगी. वहीं हाल ही में केके पाठक का एक वीडियो खूब वायरल हुआ था जिसमें वे एक टीचर से कह रहे थे कि अगर बच्चे शाम 5:00 बजे तक पढ़ना चाहते हैं, तो आप उन्हें पढ़ाएंगे.