Hazaribagh Dogs Terror: झारखंड के हजारीबाग शहर में कुत्तों का आतंक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. कुत्तों के दहशत से महीलाओं, बच्चे से लेकर बूढ़े तक डरे हुए है. सड़कों और गलियों में लोगों का चलना मुहाल हो चुका है. चिंता का विषय यह है कि यह कुत्ते सड़क पर आवागमन कर रहे हैं और लोगों पर झुंड बनाकर दौड़ पड़ते हैं. जिससे कई बाइक सवार दुर्घटना ग्रस्त भी हो जाते है. आवारा कुत्तों के आतंक और उनके काटने से लगभग रोजाना 20 से 25 लोग हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज में एंटी रेबीज का वैक्सीन लेने के लिए पहुंच रहे हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आंकड़ा देखा जाए तो 1 जनवरी से लेकर 15 अप्रैल के बीच में अब तक 2,650 से अधिक डॉग बाइट के मामले जिले भर में आ चुके हैं. बता दें कि यह वे आंकड़े है जिसमें डॉग बाइट के बाद लोग एंटी रेबीज का वैक्सीन लगाने के लिए अस्पताल पहुंचे. ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी ऐसे मामले आते हैं जहां लोग डॉग बाइट के बाद झाड़ फूंक करवाते है. इस विषय पर हजारीबाग के सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर देवेंद्र सिंह देव बताते हैं कि शहर में आवारा कुत्तों का आतंक काफी बढ़ गया है. साथ में इनकी संख्या भी अब अत्याधिक हो चला है. 


ये भी पढ़ें- 


हजारीबाग में ऐसी कई गलियां है जहां लोग अकेले जाने से भी डरते हैं. इसके लिए शहरी क्षेत्र में नगर निगम को कुत्तों के प्रजनन कंट्रोल  करने से लेकर एंटी रेबीज का वैक्सीन लगवाना चाहिए. साथ ही कुत्तों के भोजन और शेल्टर बनवाना चाहिए. वहीं शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज के सुपरिटेंडेंट डॉ विनोद कुमार कहते हैं कि डॉग बाइट के बाद सर्वप्रथम पानी के तेज धार से उस जगह को धोना चाहिए जहां डॉग बाइट हुआ है. उसके बाद लोगों को जितनी जल्दी हो सके उतना जल्दी नजदीकी अस्पताल पहुंचना चाहिए. और एंटी रेबीज के वैक्सीन के चारों डोज ध्यान से लेना चाहिए.


रिपोर्ट- यदवेंद्र