बर्ड फ्लू (Bird Flu) के बाद अब लोगों में डाॅग फ्लू (Dog Flu) का संक्रमण हो सकता है. वैज्ञानिकों ने जांच के बाद मिले निष्कर्षों के आधार पर माना है कि एवियन इन्फ्लूएंजा का एडवांस वर्जन धीरे-धीरे विकसित हो रहा है. दरअसल, 2 दशक पहले कुत्तों में एच3एन2 (H3N2) को सीड किया गया था. डेली मेल की खबर के अनुसार, यह कुत्तों को खांसी और जुकाम से पीड़ित कर सकता है और जब यह एक्सट्रीम पर जाएगा तो बहुत घातक हो सकता है. चीन के शोधकर्ताओं ने कुछ ऐसे निष्कर्षों का खुलासा किया है. एक दशक पहले की तुलना में हाल ही में संक्रमित कुत्तों से लिए गए नमूने मानव कोशिका रिसेप्टर्स को अच्छे से पहचानने में सक्षम थे. 


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वैज्ञानिकों की जांच में सामने आया है कि यह वायरस कोशिका की दीवार या झिल्ली को भेदकर संक्रमित करता है. जर्नल ई लाइफ में चाइना एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा, कैनाइन मानव के लिए एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस के अनुकूलन के लिए मीडियम के रूप में काम कर सकते हैं. हालांकि जांच में यह भी निष्कर्ष सामने आया है कि अभी तक एच3एन2 या कैनाइन इन्फ्लूएंजा वायरस से दुनिया में किसी इंसान के पीड़ित होने का एक भी मामला सामने नहीं आया है. 


वैज्ञानिकों ने हालांकि चेताया है कि एच3एन2 लांग टर्म संभावित खतरे के रूप में मनुष्यों के सामने है. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी मे ंपशु चिकित्सा विभाग के प्रमुख प्रोफेसर जेम्स वुड ने द टेलीग्राफ को बताया, कैनाइन वायरस से स्तनधारियों को ज्यादा खतरा हो सकता है. हालांकि यह वायरस कुत्तों के लिए कोई खास खतरा नहीं पैदा करता लेकिन लांग टर्म में यह मनुष्यों के लिए महामारी का कारण बन सकता है. 


जैसा कि फ्लू के दूसरे वैरिएंट में होता है, आंख, नाक, मुंह और सांस में वायरस के जाने से आदमी संक्रमित हो सकता है.