Bihar Health Department: बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की एक बार फिर से पोल खुल गई है. बिहार शरीफ के सदर अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही की एक और कहानी सामने आ गई है. अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने के कारण एक ओझा (तांत्रिक) तकरीबन एक घंटे तक इमरजेंसी वॉर्ड में मरीज का इलाज करता रहा. कमाल की बात ये है कि अस्पताल प्रशासन को इस बात की भनक तक नहीं लगी. जानकारी के मुताबिक, सोमवार (10 जुलाई) को रात के 8:00 बजे से लेकर 12:00 बजे तक अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था. 


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इस दौरान दर्जनों मरीज अपना इलाज कराने सदर अस्पताल आए लेकिन उन्हें निराश होकर उल्टे पांव वापस जाना पड़ा. नेवाजी बीघा गांव के रहने वाले उदय कुमार को अस्पताल में लाया गया. उसे किसी जहरीले जीव ने काट लिया था. डॉक्टरों की तलाश में परिजन घंटों इधर-उधर भटकते रहे. अस्पताल में डॉक्टरों की गैर-मौजूदगी में मरीज की हालत बिगड़ती जा रही थी. मजबूरन परिजन अपने साथ झाड़-फूंक करने वाले एक तांत्रिक को पकड़ लाए.


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अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में करीब एक घंटे तक तांत्रिक अपना इलाज करता रहा.  इमरजेंसी वार्ड में करीब एक घंटे तक मंत्र गूंजते रहे और अस्पताल प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी. एक घंटे बाद ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर पंकज कुमार वहां पहुंचे और उन्होंने ओझा को झाड़-फूंक करने से मना किया. मीडियाकर्मियों को भी न्यूज कवरेज से रोका गया. इस घटना ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी. अब लोगों का कहना है कि बिहार शरीफ का सदर अस्पताल तांत्रिकों के सहारे चल रहा है. 


रिपोर्ट- ऋषिकेश