मुजफ्फरपुर: Chamki Fever: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में चमकी बुखार (Acute Encephalitis Syndrome) से निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है और इस बार ऐसी व्यवस्था दी गई है कि कभी-कभी ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को पीड़ित बच्चे को अस्पताल पहुंचाने के लिए कोई वाहन नहीं मिलता है तो उस पीड़ित बच्चे को किसी बाइक से अस्पताल पहुंचाते हैं तो उस बाईक के ओनर के लिए 4 से 6 सौ रुपये देने का प्रावधान किया गया है.


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पूर्व से अन्य वाहन से आने पर वाहन के मालिक को दिया जाता है भाड़ा
हालांकि पूर्व से भी अन्य वाहन से आने पर उस वाहन के मालिक को भाड़ा दिया जाता है. SKMCH में बने 100 बेड वाले पीकू वार्ड को चमकी बुखार से आने वाले बच्चों के लिए हमेशा तैयार रखा जाता है. जिसको आधुनिक ढंग बनाया गया है और 24 के घंटे के लिए डॉक्टर की तैनाती की गई है. वहीं डीएम सुब्रत सेन ने चमकी बुखार से निपटने के लिए जिले सदर अस्पताल से लेकर सभी प्रखंडों के पीएचसी और सीएचसी में तैयारी पूर्ण करने का आदेश दिया है.


पिछले साल की तरह इस साल भी जीरो डेथ संकल्प
जिलाधिकारी सुब्रत सेन ने कहा कि पिछले साल की तरह इस साल भी जीरो डेथ के संकल्प पर काम किया जाएगा. चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाकर गांव-गांव जाकर संध्याकालीन चर्चा की भी शुरुआत जल्द शुरू किया जाए, ताकि बच्चों में चमकी बुखार के लक्षण दिखाई देने पर जल्द ही बच्चे को लेकर सरकारी अस्पताल जाएं और सही समय पर उसका इलाज करवाएं. जिससे उसके जान बच सके.


बता दें कि चमकी बुखार से सतर्क रहने की जरूरत है. चमकी बुखार एक गंभीर बीमारी है, जो अधिक गर्मी और नमी के मौसम में तेजी से फैलती है. चमकी बुखार के लक्षण दिखने पर डॉक्टर के पास जाना आवश्यक है. 


चमकी बुखार के लक्षण
- बच्चे को पूरा दिन तेज बुखार चढ़े रहना
- बच्चे के शरीर में ऐंठन आना
- जब बच्चा दांत पर अपने दांत दबाए रखें
- बच्चे में सुस्ती चढ़ने लगे
- बच्चे में कमजोरी आने लगे और वो बेहोश होने लगे 


इनपुट- मणितोष कुमार, मुजफ्फरपुर


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