Urinary tract infection: यूटीआई एक आम समस्या है. यह समस्या तब होती है जब बैक्टीरिया मूत्रमार्ग के माध्यम से मूत्र पथ में प्रवेश करते हैं. मूत्र मार्ग में गुर्दे, मूत्राशय, मूत्रवाहिनी और मूत्रमार्ग शामिल होते हैं. यूटीआई को मूत्र पथ के प्रभावित क्षेत्र के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है.


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कैसे होता है यूटीआई?: यह बीमारी तब होती है जब रोगाणु मूत्र प्रणाली को संक्रमित कर देते हैं. इसका असर किडनी, ब्लैडर और इन्हें जोड़ने वाली नलिकाओं पर भी पड़ता है. यह बीमारी ई-कालोई नामक बैक्टीरिया के मूत्रमार्ग में प्रवेश करने से होती है. यह बैक्टीरिया मूत्रमार्ग से प्रवेश करते हुए ब्लैडर तक पहुंच जाता है. यह बीमारी पुरूषों के तुलना महिलाओं को अधिक प्रभावित करती है.


किन लोगों को होती है UTI की समस्या?: यूटीआई की समस्या ज्चादातर कम मात्रा में पानी पीने वाले लोगों को, एक दिन में कई बार नहाने वाले लोगों को, अधिक समय तक पेशाब को रोककर ऱखने वाले लोगों को और सेक्सअली एक्टिव महिलाओं को यूटीआई की समस्या होने का खतरा अधिक होता है. 


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यूटीआई के लक्षण: यूटीआई के लक्षण गंभीरता और मूत्र पथ के किसी भी भाग के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं. अगर इसके सामान्य लक्षण की बात करें तो नीचे दिये गए यूटीआई के सामान्य लक्षण हैं.


1. पेशाब करते वक्त जलन महसूस होना.
2. बार- बार पेशाब लगना 
3. धुंधला, काला, खूनी, या अजीब गंध वाला पेशाब का होना.
4. थकान या कंपकंपी महसूस होना.
5. बुखार या ठंड लगना. 
6. पीठ या पेट के निचले हिस्से में दर्द या दबाव


यूटीआई का इलाज: आमतौर पर कुछ यूटीआई बिना दवा के भी ठीक हो जाते है, लेकिन यूटीआई के कुछ गंभीर मामलों में एंटीबायोटिक दवाओं के मदद से ठीक किया जा सकता है, साथ ही डॉक्टर्स पानी अधिक मात्रा में पीने की सलाह देते हैं और ब्लाडर से बैक्टीरिया को बाहर निकालने के लिए पेशाब को न रोकने की सलाह देते हैं.


Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य अध्ययन पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.