Ranchi: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) की अध्यक्षता में आज झारखण्ड मंत्रालय में  राज्य सजा पुनरीक्षण परिषद की बैठक हुई है. इसमें राज्य सजा पुनरीक्षण परिषद की अनुशंसा को मंजूरी दे दी गई है जिसमें 26 कैदियों को रिहा करने को स्वीकृति मिली है.


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बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने राज्य सजा पुनरीक्षण परिषद की अनुशंसा के आलोक में 50 कैदियों की असमय कारामुक्ति हेतु विचार एवं समीक्षा के उपरांत 26 कैदियों के रिहा करने के आदेश को स्वीकृति दी है. अगले कुछ ही दिनों में इन 26 कैदियों को कारा से रिहा करने की कार्रवाई की जाएगी. 


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रिहा होने वाले सभी बंदियों के संबंध में न्यायालय, कारा अधीक्षक, एसपी एवं प्रोबशन पदाधिकारी से प्राप्त प्रतिवेदनों एवं उनके द्वारा कारामुक्त होने के उपरांत समाज पर पड़ने वाले प्रभाव का समेकित रूप से विश्लेषण करने के पश्चात मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया गया. जिन बंदियों का प्रस्ताव आज की बैठक में अस्वीकृत हुआ है उनका प्रस्ताव नियमावली के अनुसार 1 वर्ष बाद पुन: विचार हेतु राज्य सजा पुनरीक्षण परिषद की बैठक में लाया जाएगा.


रिहाई के बाद अपराधी मुख्यधारा से जुड़कर समाज हित में कार्य करें. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने कहा कि अपराधी के जीवन में समाज हित के प्रति जिम्मेदारी लाना महत्वपूर्ण है. सजा काटकर बाहर आने वाले बंदियों को समाज के मुख्यधारा से जोड़कर उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की आवश्यकता है. मुख्यमंत्री ने रिहा होने वाले कैदियों से समाज हित के लिए कार्य करने की अपील की है.


बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा, कारा महानिरीक्षक बीरेंद्र भूषण, न्यायायुक्त रांची नवनीत कुमार समेत कई अधिकारी मौजूद रहे.


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इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने कहा कि केंद्र सरकार ने हमारे आग्रह को अनसुना कर दिया लेकिन हमने मनरेगा में मजदूरी दर को बढ़ा दिया है. संभवतः झारखण्ड देश का पहला राज्य है, जिसने आगामी वित्तीय वर्ष से मनरेगा (MNREGA) अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम मजदूरी दर को बढ़ाकर रूपये 225/- प्रति मानव दिवस करने का निर्णय मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया. अब मनरेगा के तहत कार्य करने वाले श्रमिकों को 194 की जगह 225 रुपये मिलेंगे.


मनरेगा में बेहतर काम करते हुए झारखण्ड ने पहले ही पूर्व के सारे मानव दिवस के लक्ष्य को प्राप्त किया है. सरकार कोरोना काल में जरूरतमंदों के लिये मनरेगा को रोजगार का एक उत्तम माध्यम बनाया था. मनरेगा योजना प्रारम्भ होने के पश्चात पहली बार झारखण्ड में आठ करोड़ मानव दिवस सृजन का लक्ष्य को पुनरीक्षित करते हुए 11.50 करोड़ मानव दिवस किया गया है. इसके विरूद्ध अब तक 10 करोड़ 11 लाख मानव दिवस का सृजन किया जा चुका है.


कैबिनेट की बैठक के बाद झारखंड मंत्रालय से निकलने के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आंदोलनकारियों की मांग है. इसको लेकर 20 सालों से जिस तरह से आंदोलनकारी बिचारे भटकते रहे और उनके बदौलत हम लोगों को यह राज्य मिला है. आज उनके और उनके परिजनों को सम्मान देना निश्चित रूप से इस सरकार  के लिए गौरव की बात है. और आज इसी के तहत हमने निर्णय लिया है पेंशन को लेकर उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी देने को लेकर सुनिश्चित किया है.


कई ऐसी चीजें हैं जिसको लेकर हमने आज फैसला लिया है. मनरेगा के वेजेज को बढ़ाया है. बरसों से यहां अल्पसंख्यक विद्यालय 8, 10 सालों से उनका वेतन मान और नियुक्ति को लेकर अटकलें पर अटकलें पर झूलते रहे थे  आज उसका भी हम लोगों ने निदान कर दिया है. क्योंकि इस तरह से 8 साल, 10 साल, 15 साल से जो मकड़जाल है, जिस तरीके से राज्य का 20 सालों से  स्थिति बनाई थी हमारे विपक्ष के सहयोगियों ने आज उसको पुनः जीवंत करने का हम लोगों ने निर्णय लिया है.


हमारी सरकार मजबूती के साथ आने वाले समय में हर समस्या का समाधान करेगी.