रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Elections 2019) के प्रथाम चरण की तारीख नजदीक आती जा रही है. 30 नवंबर को पहले फेज की वोटिंग होगी. वहीं, सात दिसंबर को दूसरे फेज के लिए वोट डाले जाएंगे. दूसरे चरण में ही तमाड़ विधानसभा सीट पर भी मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. यह सीट इस चुनाव में प्रत्याशियों के कारण खास बन गई है. तीन-तीन प्रत्याशियों के नाम झारखंड के दिवंगत मंत्री और पूर्व विधायक रमेश सिंह मुंडा के इर्द-गिर्द घूम रहा है.


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सोमवार का दिन था. बख्तरबंद गाड़ी में लोगों के हुजूम और भारी सुरक्षा के बीच कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन बतौर निर्दलीय प्रत्याशी एक नेता के भेष में बुंडू स्थित अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय पहुंचे. पुलिस को नॉमिनेशन के लिए निर्धारित कार्यालय तक ले जाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. नामांकन के बाद कुंदन पाहन को वापस बख्तरबंद गाड़ी से हजरीबाग ओपन जेल ले जाया गया. इस विधानसभा सीट के मुकाबला को रोचक बनाने के लिए यह कोई अंतिम नाम नहीं है.


कुंदन पाहन के बाद जो अहम नाम आता है वह हैं पूर्व मंत्री गोपालकृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर. वह भी इस चुनाव में बतौर राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) उम्मीदवार अपनी किश्मत आजमा रहे हैं. राज पीटर ने वर्ष 2009 में तमाड़ विधानसभा सीट से ही तत्कालीन मुख्यमंत्री सीबू सोरेन को उपचुनाव में पटखनी दी थी. इस वजह से सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इसतीफा देना पड़ा था.


राजा पीटर पर रमेश सिंह मुंडा की हत्या की सुपारी देने का आरोप है. इस हत्याकांड में सरकारी गवाह बने राम मोहन सिंह मुंडा उर्फ मोचो ने एनआईए कोर्ट को बताया कि विधायक की हत्या के लिए पूर्व मंत्री राजा पीटर ने कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन को पांच करोड़ रुपए की सुपारी दी थी.


वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने दिवंगत रमेश सिंह मुंडे के बेटे विकास सिंह मुंडा को उम्मीदवार बनाया है. नक्सली कुंदन पाहन के चुनाव लड़ने पर उनका कहना है कि लोकतंत्र में जनता को निर्णय लेना है. जनता सभी के चरित्र को जानती है. उन्हें उम्मीद है कि जनता की अदालत में न्याय मिलेगा.


इन तीनों उम्मीदवार के कारण तमाड़ विधानसभा सीट पर मुकाबला काफी रोमांचक हो गया है. एक तरफ दिवंगत मंत्री का बेटा, वहीं दूसरी तरफ मंत्री के हत्या का आरोपी कुख्या नक्सली कुंदन पाहन और इस हत्याकांड की सुपारी देने वाला राजा पीटर दांव आजमा रहे हों तो मुकाबला रोचक होना लाजमी है. आगामी सात दिसंबर को यहां की जनता अपने मताधिकार का प्रयोग करने जा रही है. किसके सिर जीत का सेहरा बंधेगा यह तो 23 दिसंबर को ही पता चलेगा.