Earthquake in Jharkhand: रांची और जमशेदपुर में भूकंप के झटके, लोग सुरक्षित स्थानों की ओर दौड़े
Earthquake in Jharkhand: भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है. यह एक गणितीय पैमाना है, जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल भी कहा जाता है. इस स्केल पर भूकंप को उसके केंद्र जिसे एपीसेंटर कहते हैं से 1 से 9 तक के अंक के आधार पर मापा जाता है. यह स्केल भूकंप के दौरान धरती के अंदर से निकलने वाली ऊर्जा के अनुसार भूकंप की तीव्रता बताता है.
Jharkhand Earthquake Today: झारखंड के कई हिस्सों में शनिवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.3 मापी गई. रांची और जमशेदपुर में भूकंप के झटके आए, जिससे लोग काफी डर गए और सभी अपने घरों से बाहर आ गए. अभी तक किसी प्रकार के नुकसान की कोई खबर नहीं है. भूकंप के झटके सुबह 9:20 बजे आए. इसका केंद्र खरसावां जिले से लगभग 13 किलोमीटर दूर था. इस भूकंप के दौरान धरती लगभग पांच सेकंड तक हिलती रही. जमशेदपुर के कुछ इलाकों में और रांची के तमाड़ में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. चाईबासा के चक्रधरपुर में भी लोग डरकर घरों से बाहर निकल आए.
भूकंप क्यों आता है?
भूकंप का आना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है. इसे समझने के लिए हमें पृथ्वी की संरचना को देखना होगा. पृथ्वी कई टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इन प्लेटों के नीचे तरल पदार्थ, यानी लावा होता है और ये प्लेटें इसके ऊपर तैरती रहती हैं. कई बार ये प्लेटें आपस में टकरा जाती हैं. जब प्लेटों के किनारे मुड़ते हैं या दबाव बढ़ता है, तो ये टूटने लगती हैं. जब ये प्लेटें टूटती हैं, तब जो ऊर्जा बाहर निकलती है, वह भूकंप का कारण बनती है. इस प्रक्रिया को वैज्ञानिकों ने समझा है और इसे प्राकृतिक घटना माना जाता है.
भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती है?
भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है. रिक्टर स्केल भूकंप की तरंगों की तीव्रता मापने का एक गणितीय पैमाना है. इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल भी कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को उसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है, जिसमें 1 से 9 तक के नंबर होते हैं. यह स्केल धरती के भीतर से निकली ऊर्जा के आधार पर भूकंप की तीव्रता को मापता है. जब भूकंप आता है, तो यह बहुत तेज झटके दे सकता है. इन झटकों के दौरान लोग बहुत डरे हुए होते हैं और अपने-अपने घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थान पर जाते हैं. झारखंड में आए इस भूकंप के बाद भी लोग अपने परिवार की सुरक्षा के लिए सतर्क हो गए.
हालांकि इस भूकंप से अभी तक किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन इसके झटके ने लोगों को सतर्क कर दिया है. भूकंप के ऐसे झटकों के दौरान, प्रशासन और बचाव टीमों को भी तैयार रहना चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत मदद कर सकें. भूकंप की ऐसी घटनाएं अक्सर होती रहती हैं, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर हम सतर्क रहें और भूकंप से पहले और बाद में सही तरीके से कदम उठाएं, तो हम अपनी सुरक्षा कर सकते हैं. हमेशा यह ध्यान रखें कि भूकंप आने पर क्या करना चाहिए, ताकि हम सुरक्षित रह सकें.
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