चक्रधरपुर: चक्रधरपुर में स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल बेहद खराब है. यहां मरीजों को आपातकाल स्थिति में ले जाने के लिए एम्बुलेंस मिलना मुश्किल है. मरीज तड़पता रह जाता है लेकिन एम्बुलेंस समय पर मिल नहीं पाती है. ऐसा ही मामला बुधवार देर रात को देखने को मिला है. बताया जाता है कि रात तकरीबन 12 बजे रेलवे कॉलोनी गार्ड बारीक के पास एक गर्भवती बंजारन महिला सुमन देवी प्रसव पीड़ा से सड़क किनारे तड़प रही थी.


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महिला की पीड़ा और तड़प देख आसपास के युवक मौके पर पहुंचे और महिला को अनुमंडल अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस को फोन लगाया. महिला की मदद में जुटे विक्की नाग ने बताया की उसके द्वारा सभी एम्बुलेंस धारी सामाजिक संस्था को फोन लगाया गया. लेकिन कहीं से भी एम्बुलेंस की मदद उन्हें नहीं मिल पाई. जिसके बाद उसने टोटो चालक राजा से प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को अस्पताल ले जाने के लिए विनती की. जिसके बाद बड़ी मुश्किल से महिला को टोटो में लादकर किसी तरह अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया.


इस बीच महिला के द्वारा एक बच्चे को जन्म दे दिया गया था. प्रसव हो जाने के कारण टोटो रक्त से भर गया था. विक्की नाग और उनके साथियों के द्वारा जच्चा बच्चा को सुरक्षित टोटो से बाहर निकाला गया और अनुमंडल अस्पताल के लेबर रूम ले जाया गया. डॉक्टर ने जांच करने के बाद नवजात बच्चे की हालत नाजुक बताई जिसके बाद बच्चे को बेहतर ईलाज के लिए चाईबासा सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. लेकिन इसके बाद फिर से वही एम्बुलेंस की जरुरत. एम्बुलेंस के लिए चक्रधरपुर के थाना प्रभारी से लेकर सभी संस्थाओं और सामाजिक कार्यकर्ता को मददगार युवक फोन घुमाते रहे लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली. विक्की नाग ने बताया यहाँ गरीब की जान की कीमत कुछ नहीं है. 


अनुमंडल अस्पताल के पास पांच-पांच एम्बुलेंस खड़ी थी लेकिन एक भी एम्बुलेंस ना तो नन्हीं सी जान को बचाने के लिए था और ना ही उसे जन्म देने वाली माँ को बचने के लिए था. नाजुक हालत में जच्चा बच्चा जिंदगी और मौत से रातभर जंग लड़ने को मजबूर रहे. लेकिन इस बीच युवकों ने जब चक्रधरपुर के एएसपी कपिल चौधरी को फ़ोन कर एम्बुलेंस की मदद मांगी तो एएसपी ने एम्बुलेंस चालक त्रिलोचन महतो को फोन किया. त्रिलोचन ने बिना देर किये भोर तीन बजे चक्रधरपुर थाना पहुंचे और थाना से एम्बुलेंस लेकर चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल पहुंच जच्चा बच्चा को लेकर चाईबासा सदर अस्पताल पहुंचे. चाईबासा सदर अस्पताल में मां और बच्चे का ईलाज शुरू हुआ लेकिन कुछ देर बाद ही बच्चे की मौत हो गयी. हालाँकि माँ सुमन देवी अब खतरे से बाहर है.


इनपुट- आनंद प्रियदर्शी


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