जयंत चौधरी ने नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखकर आने से मना कर दिया है. उन्होंने लिखा कि वह अपने पूर्व में निर्धारित कार्यक्रमों की वजह से इस बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे.
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Jayant Chaudhary Will Not Attend Patna Opposition Meeting:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की मुहिम को बड़ा झटका उस वक्त लगा, जब रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने पटना की महाबैठक में आने से इनकार कर दिया. रालोद के मुखिया जयंत चौधरी ने पटना में होने वाली मीटिंग में शामिल होने पर असमर्थता जताई है. उन्होंने CM नीतीश को एक पत्र लिखकर बैठक में आने में असमर्थता जताई है. हालांकि उन्होंने बैठक को अपना समर्थन दिया है. जयंत ने चिट्ठी में लिखा कि वह अपने पूर्व में निर्धारित कार्यक्रमों की वजह से इस बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे.
उन्होंने आगे लिखा कि आज देश में अधिनायकवादी और सांप्रदायिक शक्तियां लोकतंत्र व सामाजिक समरता के लिए खतरा पैदा कर रही हैं. ऐसे में विपक्षी दलों का एकजुट होना समय की मांग है. देश की अहम समस्याओं और चुनौतियों पर संवाद कर समूचा विपक्ष जनता के सामने एक दूरगामी, व्यावहारिक योजना प्रस्तुत कर सकता है. ऐसे में हम साथ मिलकर युवा, महिलाएं, किसान और वंचित समाज की आकांक्षाओं और विश्वास के साथ देश में सार्थक परिवर्तन ला सकते हैं.
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बता दें कि ये महाबैठक शुक्रवार (23 जून) को आयोजित होने वाली है. बैठक में 18 दलों के नेता शामिल हो सकते हैं. बैठक में हिस्सा लेने के लिए मोदी विरोधी नेता आज यानी 22 जून से ही पटना पहुंचने लगे हैं. जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती पटना पहुंच चुकी हैं, जबकि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शाम तक पटना पहुंच जाएंगे. वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एनसीपी चीफ शरद पवार, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, उमर अब्दुल्ला समेत कई अन्य नेता शुक्रवार (23 जून) की सुबह पटना पहुंच जाएंगे.
हालांकि, जयंत के इस कदम को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से चल रही अनबन से जोड़कर देखा जा रहा. कहा जा रहा है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ अनबन को लेकर उन्होंने महाबैठक से दूरी बना ली है. बीते कुछ दिनों से अखिलेश और जयंत के रिश्तों में खटास देखने को मिल रही है. अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के बीच निकाय चुनाव के दौरान मनमुटाव की खबरें तब सामने आई थीं, जब मेरठ मेयर सीट से सपा ने रालोद से बात किए बिना ही सीमा प्रधान को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था. इसके बाद अखिलेश ने मुजफ्फरनगर में लोकसभा चुनाव के लिए अपना प्रभारी नियुक्त कर दिया. जबकि मुजफ्फरनगर से अजीत चौधरी लड़ा करते थे, लिहाजा इस सीट पर जयंत अपना दावा ठोंक रहे हैं.