सिमडेगा:Purnima Kumari: अंडर-17 फीफा वर्ल्ड कप फुटबॉल में खेलने के लिए इस बार झारखंड की 6 बेटियों का चयन हुआ है. जिसमें एक सिमडेगा की बेटी पूर्णिमा कुमारी का नाम भी शामिल है. जिले के ठेठईटांगर प्रखंड के जामबाहर में रहने वाली पूर्णिमा कुमारी की कामयाबी के पीछे उनके परिवार का त्याग, संघर्ष, पलायन और सरकारी उदासीनता का दर्द भी छिपा है. वर्ल्ड कप खेल रही पूर्णिमा कुमारी के घर तक आने जाने के लिए कच्ची सड़क भी नहीं है. गांव के खुले जमीन में किसी प्रकार खेत खलिहान होकर पूर्णिमा अपने घर जाती है. सबसे ज्यादा दिक्कत बारिश के दिनों में होती है. कीचड़ युक्त रास्ते से पूर्णिमा और उसके गांव वालों को जामबाहर गांव जाना पड़ता है।


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गरीब परिवार से आती पूर्णिमा 
पूर्णिमा कुमारी अत्यंत गरीब परिवार से आती है. उनके घर तक जाने के लिए कोई सड़क भी नहीं है. घर पूरी तरह से खपरैल और मिट्टी की दीवार का है. गरीबी का आलम ये है कि उनके परिजन के पास बेटी का मैत देखने के लिए टीवी तक नहीं है.11 तारीख को हुए मैच को परिवार के लोगों ने किसी प्रकार मोबाइल में देखने का प्रयास किया लेकिन घर के अंदर सिग्नल आने जाने के कारण मोबाइल में भी अपनी बेटी पूर्णिमा कुमारी को खेलते हुए नहीं देखने का मलाल परिजनों में है. 


परिवार ने मैच देखने के लिए टीवी मांगी
पूर्णिमा के पिता जीतू मांझी और बड़ी बहन सनमीत कुमारी सरकार से मांग की है कि अगर उन लोगों को टीवी घर में दे दिया जाए तो वे लोग पूर्णिमा कुमारी को देश-विदेश में खेलते हुए देख सकते हैं. इससे उन्हें बहुत ही खुशी होगी. पूर्णिमा के पिता जीतू मांझी कहते हैं 6 माह से भी ऊपर हो गए अपनी बेटी का चेहरा तक नहीं सके हैं. अगर घर में टीवी मिल जाती तो कम से कम खेलते हुए अपनी बेटी को टीवी पर देख सकते थे. 


इनपुट- रविकांत


ये भी पढ़ें- Bihar News: चचेरे भाई और दादा ने लूटी छात्रा की आबरू, वीडियो बनाकर किया वायरल