Bihar News: जमुई के गर्भ में छिपा है 51 मिलियन टन लोहा, जल्द शुरू होगी नीलामी प्रक्रिया
Bihar News: बिहार के जमुई जिले में जल्दी ही लोहा निकालने का काम शुरू होने वाला है. इसके लिए निलामी की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी.
जमुई: मंजोष की धरती से लोहा निकालने की इंतजार की घड़ी अब समाप्त होने वाली है. आचार संहिता समाप्त होते ही दो ब्लाक में नीलामी की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी. यहां की धरती में 51 मिलियन टन लौह अयस्क होने का अनुमान है, जिसकी अनुमानित कीमत 2500 करोड़ बताई जाती है. ये जानकारी खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव धर्मेंद्र सिंह ने प्रेस वार्ता कर दी है. उन्होंने बताया कि मंजोष और भट्टा खंड में न्यूनतम मान्यता से दो गुना लौह अयस्क की मात्रा पाई गई है जो कि इलाके और जिले के साथ-साथ राज्य के लिए शुभ संकेत है. यहां अच्छी गुणवत्ता के मैग्नेटाइट मौजूद हैं. इसकी रिपोर्ट जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा भारत सरकार को सौंपी गई. इसके बाद ही केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को नीलामी की प्रक्रिया प्रारंभ करने की अनुमति दी है.
नीलामी प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए पूर्व की तमाम तैयारी एसबीआई कैप द्वारा लगभग पूरी के ली गई है. स्थानीय स्तर पर जिला प्रशासन द्वारा भी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जा रही है. फिलहाल 84 हेक्टेयर अर्थात 210 एकड़ जमीन मंजोष खंड में चिन्हित की गई है. सचिव ने बताया कि स्थानीय लोगों की आपत्ति की स्थिति में आबादी वाले क्षेत्र को छोड़कर खनन की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने मुआवजा के साथ ही विस्थापित लोगों के पुनर्स्थापना की प्रक्रिया प्रारंभ करने को लेकर शुरू की गई आवश्यक कार्रवाई से भी अवगत कराया. प्रेस वार्ता के दौरान जिला पदाधिकारी राकेश कुमार, अपर समाहर्ता सुभाष चंद्र मंडल, प्रभारी खनिज विकास पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार सहित खान एवं भूतत्व विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे.
इसके पहले सचिव ने सिकंदरा प्रखंड अंतर्गत अवस्थित प्रस्तावित खनन स्थल मंजोष एवं भट्टा खंड का निरीक्षण किया तथा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया. बता दें कि सिकंदरा प्रखंड अंतर्गत मंजोष गांव में वर्ष 2003 में खेल-खेल में चुंबक से पत्थर चिपकने की वाक्या हुई थी. उसके बाद से ही लगातार प्रयास के पश्चात जीएसआई का सर्वे इसी वर्ष मार्च महीने में पूर्ण हुआ. इसके बाद ही वहां से लौह अयस्क निकालने की तैयारी सरकार के स्तर पर जोर पकड़ने लगी. इसी कड़ी में भू अर्जन के लिए जमीन चिन्हित करने का कार्य भी अंतिम दौर में है.
इनपुट- अभिषेक निरला
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