पटनाः जेडीयू नेता अजय आलोक ने हाल ही में पार्टी के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने स्वंय ही पार्टी के पद से इस्तीफा दे दिया और कहा था कि शायद वह पार्टी के बातों को नहीं कह पा रहे हैं और पार्टी भी उनके बयानों से असहज महसूस कर रही है. इसलिए इस्तीफा देना बेहतर समझा. वहीं, उन्होंने फिर कहा है कि बंगाल के मुद्दों पर वह खामोश नहीं रह सकता. इसके लिए पार्टी उनसे कुछ भी कहे लेकिन वह चुप नहीं रहेंगे.


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अजय आलोक ने सोमवार को फिर से अपनी बातों पर टिके रहने का दावा किया और कहा कि वह अपने बयानों पर कायम रहेंगे. उन्होंने कहा कि मेरे लव्ज बंगाल के मुद्दों पर खामोश ने थे, न हैं और आगे भी खामोश नहीं रहेंगे. बंगाल में जो भी हो रहा है वह कहीं से भी सही नहीं है.


अजन कहा कि मैंने खुद प्रवक्ता पद से इस्तीफा दिया है. मुझे पार्टी ने नहीं निकाला है. मुझे लगा कि जेडीयू के वरीष्ठ नेता मेरे बयानों से असहज महसूस कर रहे हैं. मैं चाहता हूं कि लोग वरिष्ठ नेता से पूछें कि क्या बंगाल में हालात सही हैं और हालात बद से बदतर हैं तो किस वजह से.


उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने भी खुद बंगाल के मुद्दों पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी बंगाल में असंवेदनशीलता फैला रही है. तो इस बयान पर किसी को आपत्ति क्यों नहीं हुई.


वहीं, अजय ने अपने ट्विट को लेकर भी कहा कि अगर गिरिराज सिंह अगर मेरे ट्विट को लाइक और फॉलो करते हैं और मुझे कहेंगे की मैं गिरिराज सिंह के कसीदे पढ़ने लगा हुं उनका मुरीद हो गया हुं. इसमें क्या कहा जा सकता है.


आपको बता दें कि अजय आलोक ने हाल ही में बंगाल के मुद्दों पर जमकर बयान दिया उन्होंने बिहार और यूपी के लोगों को बंगाल में पीटने के मुद्दे पर ममता बनर्जी पर हमला किया. और बंगाल को मिनी पाकिस्तान बनाने का ममता पर आरोप लगाया. इस बयान के बाद जेडीयू के कुछ नेताओं ने इस पर आपत्ति जाताई और कहा कि बंगाल के मुद्दों पर जेडीयू को नहीं घुसना चाहिए. इस बात पर अजय आलोक ने प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया.


वहीं, अब अजय आलोक जेडीयू के वरीष्ठ नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोलना शुरू कर दिया है. बंगाल के मुद्दों पर उन्होंने जेडीयू के वरीष्ठ नेताओं से सवाल किया है कि वह अपनी राय दें क्या बंगाल में जो हो रहा है वह ठीक है.