Delhi AAP, Money Laundering Case: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को जमानत दे दी. वे धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में करीब 18 महीने से जेल में बंद हैं. जमानत देते हुए उच्च न्यायालय ने जैन की लंबी हिरासत का हवाला दिया और मनीष सिसोदिया के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का संदर्भ दिया, जिसमें मौलिक अधिकार के रूप में त्वरित सुनवाई के अधिकार पर जोर दिया गया.
जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 30 मई, 2022 को उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से धन शोधन के आरोप में गिरफ्तार किया था. अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए व्यक्तिगत स्वतंत्रता के महत्व पर जोर दिया, खासकर जब PMLA जैसे सख्त कानूनों द्वारा शासित मामलों की बात आती है.
अदालत का आदेश मनीष सिसोदिया मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर काफी हद तक निर्भर था, जिसने त्वरित सुनवाई के अधिकार के संबंध में एक मिसाल कायम की.
अदालत ने ये निष्कर्ष निकाला
मामले की पैरवी कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जैन की जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया. हालांकि, अदालत ने कहा कि जैन पहले ही हिरासत में काफी समय बिता चुके हैं और निकट भविष्य में मुकदमा शुरू होने की संभावना नहीं है. अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि सिसोदिया मामले में निर्धारित मापदंडों के आधार पर जैन जमानत के हकदार हैं.
बेल का मुचलका व लगाई शर्त
अदालत ने जैन को 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी. जमानत की शर्तों के तहत जैन को मामले से जुड़े किसी भी गवाह या व्यक्ति से संपर्क करने और किसी भी तरह से मुकदमे को प्रभावित करने से प्रतिबंधित किया गया है. इसके अलावा, आप नेता को अदालत की पूर्व अनुमति के बिना भारत से बाहर यात्रा करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.
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