नई दिल्लीः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की राजनीति में फिर से उथल-पुथल मचने के बड़े संकेत मिल रहे हैं. बीजेपी के खिलाफ लड़ने के लिए आरजेडी और कांग्रेस दोनों पार्टियां जेडीयू को साथ लाने के खुले संकेत दे रहे हैं. वहीं, अब जेडीयू सांसद के बयान के बाद इस संकेत को और भी बल मिल गया है. जिसके बाद कहा जा रहा है कि राजनीति में कुछ भी संभव है.


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मधेपुरा के जेडीयू सांसद दिनेश चंद्र यादव ने आरजेडी और कांग्रेस के संकेत को लेकर कहा है कि यह अच्छा होगा कि जेडीयू और आरजेडी एक साथ हो जाएं. उन्होंने कहा कि राज्य का विकास सबकि प्राथमिकता है. अगर ऐसा करने से राज्य का विकास हो तो इसमें कोई गलत नहीं है.


दिनेश चंद्र यादव ने कहा कि अगर बिहार के विकास के लिए आरजेडी-जेडीयू को समर्थन देते हैं तो यह बहुत बेहतर होगा. वहीं, बीजेपी और जेडीयू के रिश्ते को लेकर उन्होंने कहा कि गठबंधन में नूराकुश्ती होती रहती है.


सांसद ने कहा कि बिहार में विशेष राज्य दर्जे की मांग हो रही है. हमारी सरकार लगातार प्रयास कर रही है. लेकिन नित्यानंद राय मंत्री होते हुए कुछ नहीं कर पा रहे हैं. कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसपर केंद्र सरकार मुहर लगा दे. इसलिए सबसे पहले हमारे लिए यह सबसे बड़ा मुद्दा है.


जेडीयू सांसद के बयान से यह साफ है कि आरजेडी और कांग्रेस से जो भी संकेत दिए जा रहे हैं. उस पर जेडीयू में भी समर्थन किया जा रहा है. हालांकि, इसे विकास के मुद्दे से जोड़ा जा रहा है.


आपको बता दें कि, आरजेडी के प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने कहा था कि नीतीश कुमार और आरजेडी की धारा विचारधार एक है. यूनिफार्म सिविल कोड का मामला हो, धारा 370 का मामला हो या फिर तीन तलाक का. नीतीश कुमार की आईडोलॉजी आरजेडी के समान ही है. कल की तारीख में नीतीश इस मसले पर कोई स्टैंड लेते हैं तो आरजेडी उनके साथ खड़ी रहेगी. 


वहीं, कांग्रेस ने भी जेडीयू को खुले संकेत दिए कि जो गांधी विचारधारा में विश्वास करते हैं वह हमारे साथ आ सकते हैं उनका स्वागत है.