पटना: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhansabha election) के लिए तमाम दलों ने अपने घोषणापत्र जारी करने शुरू कर दिए हैं. आज जेडीयू ने अपना घोषणा पत्र जारी किया जिसमें सात निश्चय पार्ट-2 को मुख्य केंद्र बिंदु बनाया गया है. जेडीयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण, जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी और जेडीयू नेता अजय आलोक ने घोषणापत्र जारी किया.


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इस दौरान वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि महागठबंधन 10 लाख लोगों को नौकरी देने का वादा कर रही है, लेकिन हकीकत ये है कि उनमें से कई वेकैंसी पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. अगर वाकई 10 लाख नौकरी देने की बात है तो वेतनमद में 58 हजार करोड़ रुपया कहां से आएगा.



उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं सेविकाओं के वेतन को दोगुना करने में 48 सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे. जीविका की दीदियों को स्थायी नौकरी देने की बात की जा रही है. जिसपर बेहिसाब खर्च होगा जिसे पूरा करना संभव नहीं. 


जेडीयू नेता ने कहा कि महागठबंधन सिर्फ धोखा देकर लोगो को बरगलाने का काम कर रहा है. हमारा सात निश्चय-2 कार्यक्रम बुनियादी ढांचे को ठीक करेगा.


कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि बिहार का कुल बजट 2 लाख 11 हजार करोड़ का है. 1 लाख करोड़ वेतन पर खर्च होता है और उतना ही विकास कार्यों पर खर्च होता है. तेजस्वी यादव जो घोषणा कर रहे उसके लिए 5 लाख करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी. तेजस्वी पैसा कहा से लाएंगे, बताएं.


जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि तेजस्वी यादव ने अपने चाचा मंगरू को भी नहीं छोड़ा. जमीन लिखवा ली. बिहार में ये 10 लाख मंगरू खोज रहे हैं. कांग्रेस पार्टी 9वीं पास शख्स को बिहार पर थोपने की कोशिश कर रही है. लालू को भी कांग्रेस ने ही बिहार पर थोपा था.


उन्होंने आगे यह भी कहा कि बिहार में 1 लाख 74 हजार ही सरकारी पद रिक्त हैं. 4 लाख पद रिक्त होने का दावा गलत है.