जब तक राहुल गांधी होटवार जेल में मत्था नहीं टेकेंगे तब तक सीटों का बंटवारा नहीं होगा- JDU
कांग्रेस की जन आकांक्षा रैली खत्म हो चुकी है. लेकिन उसके बाद भी महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत का दूसरा दौर अभी तक नहीं शुरु हो सका है.
पटना: महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर पेंच फंसा हुआ है. कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा ने दावा किया है कि दस फरवरी के बाद महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर आखिरी बातचीत हो जाएगी. जबकि जेडीयू ने दावा किया है कि जब तक राहुल गांधी होटवार जेल में लालू प्रसाद के सामने माथा नहीं टेकेंगे तब सीट शेयरिंग पर फैसला नहीं होगा.
कांग्रेस की जन आकांक्षा रैली खत्म हो चुकी है. लेकिन उसके बाद भी महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत का दूसरा दौर अभी तक नहीं शुरु हो सका है. आलम ये है कि अंदर ही अंदर दलों के बीच बेचैनी भी देखने को मिल रही है. महागठबंधन की बैठक से पहले बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा 9 तारीख को दिल्ली में होनेवाली बैठक में शामिल होने जाने वाले हैं.
9 फरवरी को कांग्रेस आलाकमान ने देश के सभी राज्यों के कांग्रेस अध्यक्षों को मीटिंग के लिए बुलाया है. बताया जा रहा है कि मीटिंग का उद्देश्य लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर है. लेकिन इसके साथ ही साथ राज्यों में पार्टी कितने सीटों पर चुनाव लडेगी इसका भी फैसला हो जाएगा.
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा कहते हैं कि 10 तारीख के बाद महागठबंधन के घटक दलों की बैठक होगी और उसके बाद सीट शेयरिंग पर अंतिम मुहर लगने के आसार हैं. इधर सीट शेयरिंग के मसले पर आरजेडी काफी निश्चिंत नजर आ रही है.
पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि सीट शेयरिंग के मसले पर किसी भी गठबंधन की तस्वीर अबतक साफ नहीं है. एनडीए में ही जेडीयू और एलजेपी के बीच सीट शेयरिंग का मसला फंसा हुआ है. किस सीट पर कौन पार्टी उम्मीदवार देगा ये भी तय नहीं हुआ है. जहां तक हमारी बात है तो हमें कोई जल्दबाजी नहीं. अभी चुनाव की घोषणा भी नहीं हुई है. तय समय पर सबकुछ हो जाएगा.
महागठबंधन में सीट को लेकर फंसी पेंच से एनडीए के नेता काफी उत्साहित हैं. जेडीयू ने महागठबंधन के हालात पर चुटकी ली है. पार्टी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि जबतक राहुल गांधी होटवार जेल में माथा नहीं टेकेंगे तबतक सीटों को बंटवारा नहीं होगा. लालू कांग्रेस को अपने आगे झुकाना चाहते हैं. इसलिए महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर मामला अटका पड़ा है.
कुल मिलाकर कहा जाय तो महागठबंधन की राह आसान नहीं दिख रही. जिस तरह से सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और आरजेडी निश्चिंत दिख रही है. महागठबंधन के घटक दलों में बेचैनी का आलम जरूर बढ़ेगा. क्योंकि पूरे मामले में अबतक लेफ्ट पार्टीज से भी बातचीत का दौर नही शुरू हो चुका है.