Jehanabad: Jehanabad News IN Hindi:जिस दिन से चला हूं मेरी मंजिल पे नजर है,आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा. बशीर बद्र का लिखा हुआ यह शेर चरितार्थ हो रहा है, जहानाबाद जिला के रहने वाले विकास कुमार पर. विकास भले ही दिव्यांग हैं परंतु अपने हौसले के बल पर वो अपने जीवन में सफलता हासिल कर रहे हैं. आइये जानते है, इस दिव्यांग युवक के हौसले, जज्बे और सफलता की कहानी.


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जानें विकास की सफलता की कहानी 


बचपन से ही दिव्यांग विकास कुमार ने ना तो अपनी शारीरिक दिव्यंगता को अपनी राह की रुकावट बनने दिया और ना घर और समाज के लोगों पर वो बोझ बने. अपने हौसले और जज्बे से इस युवक ने शिक्षा को अपना हथियार बना कर एक मिसाल कायम कर दी है.


एक के बाद एक हासिल की सफलता


दरअसल जहानाबाद के काको प्रखंड के डेढसैया गांव का रहने वाला दिव्यांग विकास ने अपनी पहली ही कोशिश में आईआईटी जैसा कठिन एग्जाम पास किया था. इस एग्जाम के बाद तो उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई. वो एक के बाद एक सफलता की सीढ़ी चढ़ने लगे. हाल में ही उन्होंने पटना हाई कोर्ट में असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर जैसी कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की है. इस एग्जाम में सफल होने के बाद उन्होंने अपने गांव और परिजनों का नाम रोशन कर दिया है.


नहीं मनानी चाहिए हार


विकास ने बताया कि कोरोना के समय वो यूपीएससी की तैयारी करने के लिए गांव आएं थे. इस दौरान उन्होंने अपने परिजनों और गांव के लोगों का बहुत सहयोग मिला था. जिस वजह से वो इस मुकाम तक पहुंचने में सफल रहे हैं. उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि जीवन में संघर्ष होता रहता है, लेकिन आप को अभी भी हार नहीं मनानी है.