जहानाबाद: बिहार के नवनियुक्त राज्यपाल मोहम्मद आरिफ गुरुवार को जहानाबाद पहुंचे. जहानाबाद के काको में वो आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी और खान अब्दुल गफ्फार खान के सहयोगी एवं मशहूर स्वतंत्रता सेनानी अब्दुल लतीफ शम्सी के निधन पर उनके घर गए और श्रद्धांजलि दी. स्वतंत्रता सेनानी अब्दुल लतीफ शम्सी के देहांत पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान उनके पैतृक गांव काको में पहुंच कर उनके परिवार वालों से मुलाकात की. राज्यपाल ने उनके मजार पर जा कर फातिहा पढ़ कर श्रद्धांजलि अर्पित की.


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राज्यपाल के आने पर मृत स्वतंत्रता सेनानी के परिजनों ने राज्यपाल को उनके स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने की बात बताई. उन्होंने बताया कि मृतक लतीफ शम्सी के पिता अंग्रेज वायसराय के पीए थे, इसके बावजूद वो कम उम्र में ही आजादी की लड़ाई में कूद पड़े. राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बताया की स्वतंत्रता संग्राम में शिमला के शम्सी कोठी में जहां आंदोलनकारी अपनी प्लानिंग बनाते थे और इसी कोठी में शिमला समझौता हुआ था. वह कोठी भी इन्हीं लोगों की थी.


राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बताया, "स्वतंत्रता सेनानी अब्दुल लतीफ शम्सी को श्रद्धांजलि देने के लिए आया. यहां पर आकर पता चला कि यह ऐसी जगह है, जहां पर महात्मा गांधी और खान अब्दुल गफ्फार खान भी आकर रुकते थे. इसकी मुझे जानकारी नहीं थी. मैंने यह पढ़ा था कि इनका जो घर शिमला में था, वहां पर आजादी की महत्वपूर्ण मीटिंग हुआ करती थी. जब मुझे पता चला की लतीफ शम्सी साहब का निधन हो गया, तो मुझे लगा यहां पर अवश्य आना चाहिए. मुझे इस बात का दुख रहेगा कि अपने जीवन में कभी उनसे मुलाकात नहीं हो पाई."


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बता दें कि स्वतंत्रता सेनानी, कवि और लेखक लतीफ शम्सी का बुधवार को सुबह छह बजे निधन हो गया था. उन्होंने अपने पैतृक गांव काको में अपनी अंतिम सांस ली.


इनपुट- आईएएनएस


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