Ranchi: भारतीय क्रिकेट टीम की तेज गेंदबाज की तलाश साल 2011 में विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान पूरी होती दिख रही थी. क्योंकि उस दौरान झारखंड के लाल वरुण आरोन ने 153 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंद फेंकी थी. इसके बाद से उन्हें भारतीय टीम क नेक्स्ट सुपरस्टार माना जा रहा था. उनकी स्पीड और कंट्रोल के कारण इसी साल वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू करने का मौका मिला था. 


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अपने पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में तीन विकेट हासिल किये थे. इसके बाद क्रिकेट पंडित उन्हें भारतीय टीम में लंबे समय तक देख रहे थे. इस दौरान उन्हें वनडे क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका मिला.उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 2011 में डेब्यू किया और यहां भी उन्होंने तीन विकेट हासिल किये थे, लेकिन इसके बाद उन्हें चोट ने खासा परेशान किया था. हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी और 2014 के न्यूजीलैंड दौरे पर टीम में शामिल किया गया. इस दौरान उन्होंने काउंटी सीजन के लिए डरहम क्रिकेट क्लब के साथ करार किया था.  


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समय के साथ उनकी फॉर्म में गिरावट आ रही थी. नतीजा उन्हें 2018 में आईपीएल में भी कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिला था. इसके बाद 2019 में उन्हें राजस्थान अपनी टीम शामिल किया. लेकिन फिर से 2021 के आईपीएल के लिए उन्हें टीम में शामिल नहीं किया है. वहीं, भारत के लिए उन्हें भी अपना आखिरी मैच 2015 में खेला था. ऐसे में अब वो एक बार फिर से घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करके टीम इंडिया में जगह बनाना चाहेंगे.