बंगाल पर है सबकी नजर लेकिन असली `खेला` तो मधुपुर में होगा! जानिए कैसे
Madhupur Bypoll 2021: इस बार BJP ने अपना उम्मीदवार बदल दिया है. दो बार विधायक और सूबे के मंत्री रह चुके राज पलिवार की बजाए बीजेपी ने इस बार गंगा नारायण को चुनावी मैदान में उतारा है.
Ranchi: हावड़ा मेन लाइन पर जब आप पटना से हावड़ा की तरफ जा रहे होते हैं तो झारखंड प्रवेश करते ही करीब 55 किलोमीटर पर मधुपुर जंक्शन (Madhupur Junction) मिलता है. पहली नजर में ये एक बड़ा सा कस्बा नजर आता है, लेकिन यहां वो सभी चीजें मौजूद हैं जो किसी कस्बे को शहर का दर्जा देती है. इस शहर से जामताड़ा की दूरी ज्यादा नहीं है, जो अपने साइबर फ्रॉड की वजह से पूरी दुनिया में बदनाम है.
JMM MLA के निधन से खाली हुई है सीट
बता दें कि मधुपुर में विधानसभा (Madhupur Vidhansabha Bypoll 2021) का उपचुनाव हो रहा है और ऐसी कई वजह हैं जिससे ये उपचुनाव बेहद खास हो गया है. मधुपुर विधानसभा में 17 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे साथ ही मतों की गिनती का काम 2 मई को होगा. दरअसल, 2019 में झारखंड मुक्ति मोर्चा से चुनाव जीतने वाले हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद मधुपुर की सीट खाली हुई है. Haji Hussain Ansari हेमंत कैबिनेट में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे.
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चुनाव से पहले बनाया मंत्री
JMM ने हाजी हुसैन अंसारी के बेटे हफीजुल हसन अंसारी को टिकट दिया है. इसके साथ ही पार्टी ने चुनाव जीतने से पहले ही हफीजुल को राज्य का अल्पसंख्य कल्याण, खेल कूद एवं कला संस्कृति मंत्री बना दिया है. जाहिर है मंत्री बनाकर सरकार उनके लिए मधुपुर की लड़ाई को आसान करना चाहती है. दूसरी तरफ झारखंड के विपक्ष में बैठी NDA में बड़ा उलटफेर हुआ है.
AJSU से BJP में आए गंगा नारायण
दरअसल, इस बार BJP ने अपना उम्मीदवार बदल दिया है. दो बार विधायक और सूबे के मंत्री रह चुके राज पलिवार की बजाए बीजेपी ने इस बार गंगा नारायण को चुनावी मैदान में उतारा है. गंगा नारायण बीजेपी के कैडर नहीं हैं, वे 2019 का चुनाव AJSU के टिकट पर लड़ चुके हैं. नामांकन से कुछ दिन पहले गंगा नारायण बीजेपी में शामिल हुए और पार्टी ने उन्हें टिकट दे दिया. गंगा नारायण को टिकट मिलने के बाद राज पलिवार नाराज बताए जा रहे हैं.
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मधुपुर में राज पलिवार की अच्छी पकड़
यहां ये भी जानना दिलचस्प है कि राज पलिवार का टिकट पार्टी ने पहली बार नहीं काटा है. पार्टी ने 2009 में भी राज पलिवार का टिकट काट कर अभिषेक झा को चुनावी मैदान में उतारा था. लेकिन 2009 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार की हार के बाद 2014 में फिर से राज पलिवार को टिकट मिला और वे ना केवल चुनाव जीतने में कामयाब हुए बल्कि मंत्री भी बने. लेकिन एक बार फिर से पुरानी कहानी दोहराई गई है. देखना ये है कि राज पलिवार क्या कदम उठाएंगे? क्योंकि मधुपुर इलाके में राज पलिवार की अच्छी पैठ मानी जाती है.
असली खेला तो मधुपुर में होना है!
सियासी कयास इस तरह के भी लगाए जा रहे हैं कि राज पलिवार के टिकट कटने और गंगा नारायण के बीजेपी में आने के पीछे स्थानीय सांसद निशिकांत दूबे की बड़ी भूमिका है. Nishikant Dubey और Raj Paliwar की अदावत गोड्डा लोकसभा क्षेत्र के लिए कोई नई बात नहीं है. राज पलिवार जिले में बीजेपी के पुराने नेता माने जाते हैं, लिहाजा इन तमाम बातों ने मधुपुर विधानसभा के चुनाव को बेहद ही खास बना दिया है. यही वजह है कि पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर भले ही 'खेला होबे' का नारा दिया जा रहा है, लेकिन असली खेला तो मधुपुर में होना है.
2 मई को तस्वीर होगी साफ
झारखंड विधानसभा के मौजूदा स्थिति की बात करें तो 81 सदस्यों की विधानसभा में फिलहाल जेएमएम के 29, जेवीएम के प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को मिलाकर कांग्रेस के 18, आरजेडी के 1, बाबूलाल को मिलाकर बीजेपी के 26, आजसू के 2, सीपीआई (एमएल) के 1, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 1 और 2 निर्दलीय विधायक हैं और मधुपुर सीट के परिणाम का झारखंड सरकार पर फिलहाल कोई असर नहीं पड़ने वाला है. दुमका और बेरमो का उपचुनाव जीतकर सत्ताधारी गठबंधन का हौसला बुलंद है तो बीजेपी 2 सीटों पर उपचुनाव में मिली हार से सबक लेकर इस बार हिसाब बराबर करने के मकसद से चुनाव में उतरी है. किसके दावे में है कितना दम और मधुपुर में कौन है दमदार? इसके लिए हमें 2 मई तक का इंतजार करना होगा.