Ranchi: टाटा स्टील ने ओडिशा स्थित नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल) में नियंत्रक हिस्सेदारी हासिल करने के लिए बोली जीतने को कंपनी के वृद्धि पथ के लिए ‘महत्वपूर्ण’ बताया है.  टाटा स्टील ने मंगलवार को कहा कि इस अधिग्रहण के साथ वह चार करोड़ टन सालाना के लक्ष्य से काफी आगे जाने में सक्षम बन गई है. टाटा स्टील की इकाई- टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स (टीएसएलपी) ने इस साल जनवरी में 12,100 करोड़ रुपये के उद्यम मूल्य पर एनआईएनएल में 93.71 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने की बोली जीती थी. 


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कंपनी ने जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड, नलवा स्टील एंड पावर लिमिटेड और जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड के एक गठजोड़ को पीछे छोड़ते हुए यह सफलता हासिल की थी. टाटा स्टील के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, 'हमने सरकार के विनिवेश कार्यक्रम के तहत एनआईएनएल का अधिग्रहण किया है जो टाटा स्टील के लिए रणनीतिक और परिचालन मूल्य के लिहाज से महत्वपूर्ण है. 


एनआईएनएल के अधिग्रहण के साथ टाटा स्टील 10 लाख टन प्रतिवर्ष क्षमता वाले इस्पात संयंत्र को तेजी से दोबारा शुरू करेगी और साथ ही अगले कुछ वर्षों में 45 लाख टन सालाना उत्पादन क्षमता वाला परिसर बनाने का काम तुरंत शुरू हो जाएगा.' अधिकारी ने कहा कि कंपनी की योजना इसे 2030 तक एक करोड़ टन सालाना तक बढ़ाने की है. 


उन्होंने कहा, 'हमने भारत में चार करोड़ टन प्रतिवर्ष उत्पादन क्षमता हासिल करने की महत्वाकांक्षी घोषणा की थी, और एनआईएनएल के अधिग्रहण से इसमें मदद मिलेगी, बल्कि हम इस लक्ष्य से भी आगे निकल जाएंगे.' टाटा स्टील के भारतीय परिचालन की कच्चे इस्पात की क्षमता लगभग दो करोड़ टन सालाना की है. 


(इनपुट: भाषा)