झारखंड गठन के बाद चौथी बार हुआ ऐसा, राज्यसभा के लिए र्निवरोध चुने गए दो सदस्य
रांचीः झारखंड गठन के बाद चौथी बार राज्यसभा के लिए दो सदस्य र्निवरोध चुने गए.
रांचीः झारखंड गठन के बाद चौथी बार राज्यसभा के लिए दो सदस्य र्निवरोध चुने गए. झारखंड मुक्ति मोर्चा की तरफ से महुआ माजी और भारतीय जनता पार्टी की तरफ आदित्य साहू को राज्यसभा सदस्य के तौर पर निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा प्रमाण पत्र दिया गया.
आपको बता दें कि झारखंड में होनेवाले दो सीटों पर राज्यसभा चुनाव के लिए दो ही प्रत्याशी मैदान में थे. नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रत्याशियों की संख्या नहीं बढ़ने पर निर्वाचन पदाधिकारी के द्वारा उन्हें निर्वाचित घोषित किया गया और इसके साथ ही इनदोनों सीटों पर निर्वाचिन की प्रक्रिया पूरी हो गई. राज्यसभा सीटों पर 10 जून को चुनाव होना तय है. देशभर के 57 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होगा.
इनमें से जिन राज्यों में सीटों के मुताबिक ही उम्मीदवार खड़े हुए और वहां कोई अन्य उम्मीदवार नामांकन की तिथि के बाद शामिल नहीं हुआ वहां की सीटों पर निर्विरोध तौर पर उम्मीदवारों का चयन हो गया. बाकि सीटों पर मतदान की प्रक्रिया 10 जून को पूरी की जाएगी.
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राज्य की राजनीति में सक्रिय रहने वाली महुआ माजी इसके साथ ही झामुमो की तरफ से राज्यसभा की मेंबर बन गई हैं और उच्च सदन में झारखंड की आवाज बुलंद करती नजर आएंगी.
दरअसल महुआ मांझी झारखंड मुक्ति मोर्चा की तरफ से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुन ली गई हैं. निर्वाचन पदाधिकारी की तरफ से प्रमाण पत्र मिलने के बाद कार्यकर्ताओं में गजब का उत्साह देखने को मिला. ढोल नगाड़े रंग गुलाल के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया. वहीं महुआ माजी के नामांकन के दौरान नदारद रही कांग्रेस आज प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम में एकजुटता के साथ नजर आई. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विधायक दल के नेता, स्वास्थ्य मंत्री सहित जेएमएल कोटे से मंत्री मिथिलेश ठाकुर भी प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहे.
इधर भारतीय जनता पार्टी के आदित्य साहू को राज्यसभा सदस्य बनाए जाने पर उत्साह दिखा. प्रमाण पत्र वितरण समारोह में बाबूलाल मरांडी दीपक प्रकाश सहित भाजपा के आला नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे.
ऐसे में राज्यसभा चुनाव के दौरान चल रही सरगर्मी के बीच आखिरकार भारतीय जनता पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा की तरफ से उतारे गए उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए और अब झारखंड की आवाज बुलंद करने की जिम्मेदारी इन दोनों के कंधे पर है.