रांचीः झारखंड में आत्मसमर्पण अभियान को अपना कई माओवादियों ने पुलिस के सामने समर्पण कर चुके हैं. सोमवार को हजारीबाग में 12 से अधिक मामलों में संलिप्त माओवादी अनिल भुईयां ने पुलिस के समक्ष सभी हथियार के साथ आत्मसमर्पण कर दिया है. इधर पुलिस ने अनिल भुईयां को पुलिस की मुख्यधारा में जुड़ने के लिए बधाई दी.


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वर्ष 2009 में अनिल भुईयां ने माओवादी संगठन का थामा हाथ
पुलिस के मुताबिक अनिल भुईयां ने वर्ष 2009 में माओवादी संगठन से जुड़ गए थे. पहले यह टीपीसी में हुआ करते थे जिसके बाद उन्होंने वहां के कुछ नक्सलियों को मार कर अपना नया संगठन की शुरुआत की. जिसका नाम जेजे एमपी रखा. पुलिस के द्वारा इस संगठन को हजारीबाग से खदेड़ने पर इन्होंने सीपीआई माऊिस्ट पार्टी को 2019 में ज्वाइन कर लिया. जहां तीन साल रहने के बाद इन्हें उनकी नीति पसंद नहीं आई. लेवी के पैसे माओवादी नेता अपने निजी स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करते हैं और समाज के लिए इसका कोई उपयोग नहीं करते जिसको देखते हुए उन्होंने आज आत्मसमर्पण पुलिस के समक्ष कर दिया है.


माओवादियों को सरकार योजना के तहत करेगी मदद
हजारीबाग की उपायुक्त नैंसी सहाय ने इस पूरे मामले पर बताया कि सरकार के द्वारा जो योजना लायी है. उनके तहत इन्हें विभिन्न तरह की सुविधाएं प्रदान की जाएगी. वही अनिल को आत्मसमर्पण के लिए 50,000 कैश भी प्रदान किए जा रहे हैं. आगे इन्हें क्या पैकेज दिया जाएगा इस पर भी विचार किया जा रहा है. वहीं इस पूरे मामले पर पुलिस अधीक्षक मनोज रतन ने बताया कि उन्होंने पुलिस से लूटा हुआ एक राइफल को भी हजारीबाग पुलिस को वापस सौंपा है. वही सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत इन्हें 4 डिसमिल जमीन घर बनाने हेतु 3 लाख रुपये तक कैश, अगर इनकी बेटी है तो मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आर्थिक सहयोग किया जाएगा. वहीं उन्होंने अन्य माओवादी संगठन से अपील की है कि आप सभी भी सरकार के इस नीति के तहत आत्मसमर्पण करें नहीं तो आप या तो पुलिस के द्वारा पकड़े जाने पर जेल पे जाएंगे नहीं तो मुठभेड़ होने पर मारे जाएंगे. इससे अच्छा होगा कि आप मुख्यधारा में जुड़कर समाज के विकास में अपना सहयोग दें.


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