रांचीः IAS Pooja Singhal: खनन पट्टा मामले में जांच के दायरे में घिरी आईएएस पूजा सिंघल को रिमांड के बाद कोर्ट में पेश किया गया. इस दौरान उनके सीए की भी पेशी हुई. दोनों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया गया है. मामले में ईडी के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया की पूजा सिंघल से ईडी ने रिमांड पर लेकर लगातार पूछताछ की थी. इसमें कई महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली हैं, जिसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है. अगर जरूरत पड़ी तो ईडी उनसे जेल में भी जाकर पूछताछ कर सकती है.


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अगली पेशी 22 जून को
गौरतलब है कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी हुई. ईडी की विशेष न्यायाधीश प्रभात कुमार शर्मा की अदालत में उनकी पेशी की गई अगली पेशी 22 जून को होगी. ईडी के द्वारा पूछताछ के बाद बर्खास्त आईपीएस अधिकारी पूजा सिंघल को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था जिसकी अवधि बुधवार को समाप्त हुई थी.


जेल में सिंघल को कोई परेशानी नहीं 
अवधि समाप्त होने के बाद अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी की गई. बर्खास्त आईपीएस पूजा सिंघल के दौरान अदालत के द्वारा पूछे गए सवालों पर पूजा सिंघल ने कहा कि ईडी पूछताछ के दौरान जो मेडिकल जांच हुई थी उसकी प्रिस्क्रिप्शन उपलब्ध कराया जाए वहीं उन्होंने बताया कि जेल में किसी भी प्रकार का कोई परेशानी नहीं है. आईएएस पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार के बूटी मोड़ स्थित सोनाली अपार्टमेंट से 17.49 करोड़ कैश बरामद हुआ था.


कई स्थानों से बरामद हुआ था कैश
इसके अलावा डांगरा टोली स्थित ईस्टर्न मॉल में मौजूद सुमन कुमार के ऑफिस से 29.70 लाख रुपया मिला है. गौरतलब है कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के तहत जांच के दौरान जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा ने बताया था कि खूंटी जिला प्रशासन मनरेगा में 5% कमीशन लेता था. साल 2007 से 2013 के बीच पूजा सिंघल डीसी के रूप में चतरा, खूंटी और पलामू में पदस्थापित थीं. इस दौरान उन पर कई वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप लगे थे. इसी दौरान पूजा सिंघल और उनके पति अभिषेक के खाते में 1.43 करोड़ नगद भी जमा हुए थे.


पूजा सिंघल ने साल 2005 से 2013 के बीच एलआईसी की 13 पॉलिसी खरीदी थी और बतौर प्रीमियम 80.81 लाख रुपए जमा किए थे, लेकिन पॉलिसी मेच्योर होने से पहले ही पूरे पैसे निकाल लिए थे, उस समय उन्हें 84 लाख मिले थे. पूजा सिंघल ने साल 2015 से 2017 के बीच चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार और उनकी अलग-अलग कंपनियों में अलग-अलग समय में 16.57 लाख रुपये भी ट्रांसफर किए थे.


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